विजय शर्मा। हर महीने करीब 90 करोड़ रुपए के घाटे से बाहर निकलने के बजाय रोडवेज को उसके अपने ही कार्मिक चूना लगा रहे हैं। हालात यह हैं कि रोडवेज बसों में प्रतिदिन औसतन 45 लाख रुपए तक की टिकट चोरी की जा रही है। हाल ही बसों में टिकट चोरी पकड़ने के लिए प्रबंधन ने बड़े स्तर पर अभियान चलाया, जिसमें एक बड़ा खुलासा हुआ।
जांच में पता चला कि 68 यात्रियों में से 47 यात्री बिना टिकट मिले। टिकट जांच अभियान का असर यह रहा कि रोडवेज की एक दिन की आय में औसतन 40 से 45 लाख रुपए की बढ़ोतरी हुई। इसके अलावा, यात्रियों की संख्या भी 95 से अधिक पहुंच गई। इस स्थिति से स्पष्ट है कि रोडवेज की बसों में प्रतिदिन करीब 40 लाख रुपए तक की टिकट चोरी हो रही है।
बिना टिकट यात्रा कराने के मामले में परिचालकों और बस सारथियों पर रोडवेज प्रबंधन ने सख्त कार्रवाई की है। पहली बार दोषी परिचालकों को निलंबित किया गया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है। इसके तहत एफआइआर भी दर्ज करवाई जा रही है।
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने इस बार जांच का तरीका बदल दिया है। उड़नदस्तों और बस परिचालकों की मिलीभगत की आशंका के चलते प्रबंधन ने अपने स्तर पर विश्वसनीय कार्मिकों से बस में स्टिंग ऑपरेशन कराया। बिना टिकट यात्रा की पुष्टि होने पर प्रबंधन ने उड़नदस्तों से बसों की जांच कराई। बसों की जांच का लाइव वीडियो मुख्यालय में बैठे अधिकारियों ने भी देखा। कई जिलों में इस तरह के स्टिंग ऑपरेशन किए गए।
अब निलंबन-ब्लैकलिस्ट के साथ मामले दर्ज
पहले रोडवेज परिचालक और संविदा लिए गए बस सारथियों को निलंबित और ब्लैकलिस्ट किया जाता था। लेकिन अब रोडवेज ने ऐसे परिचालकों पर मामले भी दर्ज करना शुरू कर दिया है। यह निर्णय रोडवेज ने घाटे से उबरने के लिए लिया है। नागौर, अलवर और झालावाड़ आगार की बसों के परिचालकों और बस सारथियों पर मामले दर्ज किए गए हैं।
राजस्थान रोडवेज आर्थिक तंगी में है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के करीब 150 करोड़ के वेतन परिलाभ बकाया हैं। रोडवेज की ओर से कार्मिकों को हर महीने करीब 60 करोड़ रुपए वेतन और 20 करोड़ रुपए पेंशन दी जा रही है। घाटे में चलने के कारण वेतन और पेंशन भी समय पर नहीं मिल पा रही हैं। इसके पीछे भी रोडवेज के वे कार्मिक जिम्मेदार हैं जो टिकट चोरी कर रहे हैं।
जांच के बाद 40 लाख रुपए की आय में वृद्धि हुई है। यदि यह वृद्धि निरंतर होती है, तो रोडवेज की आय महीने भर में करीब 10 करोड़ रुपए से अधिक बढ़ सकती है। इससे रोडवेज की वित्तीय स्थिति सुधरेगी और सेवानिवृत्त एवं कार्यरत कार्मिकों को समय पर वेतन और पेंशन मिल सकेगी।
रोडवेज की सख्ती कर्मचारियों के हित में है। यदि आय में वृद्धि होती है, तो इसका फायदा कर्मचारियों को ही मिलेगा। वेतन और पेंशन समय पर आएगी। इसके अलावा, रोडवेज प्रबंधन को आय बढ़ाने के साथ-साथ खर्चों में कटौती करनी होगी, ताकि निगम में फालतू खर्चे रुक सकें। इससे रोडवेज घाटे से उबर सकेगी। प्रबंधन को बकाया परिलाभों का भुगतान भी शुरू करना चाहिए, ताकि एक साथ बोझ न आए।- सुधीर भाटी, महामंत्री, आरएसआरटीसी ऑफिसर्स एसोसिएशन
Hindi News / Jaipur / Rajasthan: गजब! राजस्थान रोडवेज को रोज 45 लाख का लग रहा चूना, जानें कैसे?