बुधवार सुबह साढ़े दस बजे एडवोकेट पार्थ शर्मा ने रेजीडेंट हड़ताल से आमजन को हो रही परेशानियों की ओर न्यायाधीश समीर जैन का ध्यान दिलाया। शर्मा ने इस बारे में राजस्थान पत्रिका सहित विभिन्न समाचार पत्रों में हड़ताल के बारे में प्रकाशित समाचारों से अवगत कराया। इस पर न्यायाधीश जैन ने शर्मा की मौखिक याचिका के आधार पर तत्काल प्रसंज्ञान लिया।
साथ ही, हाईकोर्ट रजिस्ट्रार के जरिए प्रमुख स्वास्थ्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा सचिव, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त, एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल व जार्ड प्रतिनिधियों को दो बजे हाजिर होने की सूचना भिजवाई। इसी बीच अधिवक्ता अजय शुक्ला व शोभित तिवाड़ी को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर मेडिकल कॉलेज में हालात देखने भेजा। कोर्ट ने बुधवार को अपरान्ह 4 बजे तीसरे दौर की सुनवाई के बाद कहा कि अब सुनवाई 21 नवम्बर को होगी। साथ ही, निर्देश दिया कि रेजीडेंट डॉक्टरों को दिए गए नोटिस व कार्रवाई को स्थगित कर दिया जाए और इनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए। कोर्ट ने कहा कि एसएमएस अस्पताल के पास सफाई, ट्रेफिक और सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए।