रिश्ते हो रहे तार तार
आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2016 में प्रदेश में कुल 3656 मामले दुष्कर्म के दर्ज किए गए। इनमें से 3626 मामलों में जानकारों ने ही महिलाओं और बच्चियों की आबरू के साथ खिलवाड़ किया। आंकड़ों के मुताबिक इनमें दादा, पिता, भाई और बेटे तक के नाम शामिल हैं।
आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2016 में प्रदेश में कुल 3656 मामले दुष्कर्म के दर्ज किए गए। इनमें से 3626 मामलों में जानकारों ने ही महिलाओं और बच्चियों की आबरू के साथ खिलवाड़ किया। आंकड़ों के मुताबिक इनमें दादा, पिता, भाई और बेटे तक के नाम शामिल हैं।
चार राज्यों के आंकड़ें यह है आंकड़े
दुष्कर्म के मामलों में चौथे स्थान पर
एनसीआरबी के आकंड़ों के मुताबिक देश में दुष्कर्म के कुल मामलों में राजस्थान का चौथा स्थान है। सबसे ज्यादा मामले मध्यप्रदेश (4882) में दर्ज किए गए। उत्तर प्रदेश में (4816) और महाराष्ट्र में (4189) मामले दर्ज किए है।
प्रदेश | कुल | जानकार | परिवार | नजदीकी रिश्तेदार | रिश्तेदार | पड़ौसी |
राजस्थान | 3656 | 3626 | 147 | 169 | 269 | 704 |
मध्यप्रदेश | 4882 | 4789 | 65 | 108 | 157 | 1115 |
महाराष्ट्र | 4189 | 4126 | 96 | 111 | 151 | 686 |
उत्तर प्रदेश | 4816 | 4806 | 27 | 154 | 441 | 1851 |
एनसीआरबी के आकंड़ों के मुताबिक देश में दुष्कर्म के कुल मामलों में राजस्थान का चौथा स्थान है। सबसे ज्यादा मामले मध्यप्रदेश (4882) में दर्ज किए गए। उत्तर प्रदेश में (4816) और महाराष्ट्र में (4189) मामले दर्ज किए है।
घटनाएं हो रही हैं उन्हें मनोविज्ञान में कौटोम्बिक व्यभिचार (इनसेस्ट) कहा जाता है। समाज में ऐसी घटनाओं के बढऩे का मुख्य कारण संस्कारों में कमी आना है और शराब और अन्य नशे की लत है। सामूहिक परिवारों के विघटन के चलते लोगों में नैतिकता की कमी हो रही है। जिसके चलते इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं।
डॉ. आलोक त्यागी, आचार्य, मनोचिकित्सालय जयपुर
डॉ. आलोक त्यागी, आचार्य, मनोचिकित्सालय जयपुर
परिवार के सदस्यों द्वारा महिला और बच्चियों के साथ यौन दुराचार के मामले बढ़े हैं। पहले तो ऐसे मामले घर से बाहर ही नहीं निकलते थे, लेकिन अब जागरूकता आई है, पीडि़त थाने पहुंचने लगे हैं। पुलिस भी ऐसे मामलों में संजीदगी से पेश आती है।
पंकज कुमार सिंह, एडीजी क्राइम
पंकज कुमार सिंह, एडीजी क्राइम
ये हमारे लिए चौंकाने वाला और आंखें खोलने वाला आंकड़ा है। समाज के सभी तबकों में ब’िचयां और महिलाएं घर में भी सुरक्षित नहीं है। पुलिस घर में नहीं हो सकती। हमने इसीलिए घरेलू महिलाओं की काउंसलिंग व्यवस्था शुरू की है। जिसके परिणाम जल्द ही आने लगेंगे।
सुमन शर्मा, अध्यक्ष, राजस्थान महिला आयोग
सुमन शर्मा, अध्यक्ष, राजस्थान महिला आयोग