उन्होंने कहा कि सितंबर में आचार-संहिता लग जाएगी और इस विधेयक का गजट नोटिफिकेशन भी जारी नहीं हो पाएगा। ऐसे में बिल लाकर सरकार समय जाया कर रही है। सरकार यह बताए कि बिल में क्या वित्तीय प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कैदियों के पास ना टॉयलेट है ना शुद्ध हवा ना पानी और ना कोई काम। कैदियों की दुर्दशा देखकर सरकार बिल में कुछ ना कुछ प्रावधान तो करती।
इतनी बेशकीमती जमीन धारीवालजी के ध्यान से कैसे रह गई
लाहोटी ने कहा कि मेरी विधानसभा में खुली जेल है। इन जेलों में आदमी सीधा खड़ा नहीं हो सकता है। यह जेल प्राइम लोकेशन पर हैं। अगर इस जमीन को नीलाम किया जाए। तो सरकार को करोड़ों रुपए की कमाई होगी। यहां मिनि सचिवालय बनाकर रजिस्ट्रार कार्यालय, सांगानेर कोर्ट सभी एक साथ खोली जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह जमीन धारीवाल के ध्यान में नहीं आई। इतनी बेशकीमती जमीन आपके ध्यान से कैसे रह गई।