30 अगस्त की शाम को कवई विद्युत संयंत्र की 600 मेगावाट क्षमता की एक इकाई व 135 मेगावाट क्षमता की राजवेस्ट विद्युत संयंत्र की इकाई संख्या तीन तथा 660 मेगावाट विद्युत क्षमता की सूरतगढ़ विद्युत संयंत्र की एक सुपर क्रिटिकल इकाई में तकनीकी खराबी आने की वजह से अचानक बंद हो गई। इससे बिजली उत्पादन और आपूर्ति में अंतर गहराता जा रहा है। अभी भी प्रदेश में विद्युत की मांग प्रतिदिन 3400 लाख यूनिट से अधिक बनी हुई है तथा अधिकतम मांग 17000 मेगावाट है।
विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में व्यवधान
राजस्थान ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध निदेशक एम. एम. रणवा ने बताया कि राज्य की सुचारू रूप से चल रही विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में व्यवधान आ गया है। 2 सितंबर की रात्रि में इन इकाइयों से विद्युत उत्पादन शुरू होने की संभावना है, जिससे विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में सुधार होगा। इसके साथ ही विद्युत एक्सचेंज से विद्युत खरीद कर विद्युत आपूर्ति में आई कमी को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।