scriptRajasthan Politics : 50 साल का इंतजार होगा खत्म या प्रताप सिंह खाचरियावास दूसरी बार में होंगे सफल! | Rajasthan Politics: Will the wait of 50 years end or will Pratap Singh Khachariyawas succeed for the second time? | Patrika News
जयपुर

Rajasthan Politics : 50 साल का इंतजार होगा खत्म या प्रताप सिंह खाचरियावास दूसरी बार में होंगे सफल!

Rajasthan News : जयपुर लोकसभा सीट के प्रत्याशियों का भविष्य इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में बंद हो गया है। चार जून को परिणाम आने के बाद पता चलेगा कि गुलाबी नगर से 50 साल बाद भाजपा प्रत्याशी मंजू शर्मा दिल्ली की दहलीज पर पहुंचेंगी या फिर प्रताप सिंह दूसरी बार में सफल होकर दिल्ली में दस्तक देंगे।

जयपुरApr 21, 2024 / 09:50 am

Kirti Verma

Rajasthan News : जयपुर लोकसभा सीट के प्रत्याशियों का भविष्य इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में बंद हो गया है। चार जून को परिणाम आने के बाद पता चलेगा कि गुलाबी नगर से 50 साल बाद भाजपा प्रत्याशी मंजू शर्मा दिल्ली की दहलीज पर पहुंचेंगी या फिर प्रताप सिंह दूसरी बार में सफल होकर दिल्ली में दस्तक देंगे। वर्ष 2004 में प्रताप सिंह ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था। वहीं, मंजू शर्मा पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं। वर्ष 2008 में उन्होंने हवामहल विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उस चुनाव में उनकी हार हुई थी। दरअसल, राजधानी जयपुर से आधी आबादी का दिल्ली में प्रतिनिधित्व कम ही रहा है। पिछले आम चुनाव में कांग्रेस ने जयपुर लोकसभा सीट पर ज्योति खंडेलवाल और जयपुर ग्रामीण से कृष्णा पूनिया को उम्मीदवार बनाया था। दोनों की ही हार हुई थी।

21 महिला प्रत्याशियों ने आजमाया भाग्य

अब तक हुए आम चुनाव में 21 महिला प्रत्याशियों ने अलग-अलग दलों और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मेें चुनावी मैदान में उतरकर भाग्य आजमाया। लेकिन, सफलता सिर्फ पूर्व जयपुर राजघराने की सदस्य गायत्री देवी को ही मिली। वे तीन चुनाव लगातार जीतीं।
  • वर्ष 1967 से 2014 तक कांग्रेस और भाजपा में से किसी ने महिला प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा ही नहीं। सीपीआइ, सपा से लेकर जमींदारा पार्टी और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ही महिलाएं गुलाबी नगर में सियासी जमीन तलाशती नजर आईं।

पहली जीत थी प्रचंड

गायत्री देवी ने स्वतंत्र पार्टी से पहला चुनाव 1962 में लड़ा और भारी अंतर से जीता था। उन्हें 77 फीसदी वोट मिले थे। हैरानी की बात यह है कि कोई भी प्रत्याशी उस चुनाव में अपनी जमानत नहीं बचा पाया था। कांग्रेस से शारदा देवी और निर्दलीय के रूप में विद्या विभा और गायत्री देवी ने चुनाव लड़ा था।
इसके बाद वर्ष 1967 और 1971 में भी उन्हें जीत हासिल हुई। 1967 के आम चुनाव में निर्दलीय के रूप में सुमित्रा देवी भी मैदान में उतरी थीं। वहीं, 1971 के चुनाव में गायत्री देवी के सामने कोई दूसरी महिला उम्मीदवार नहीं था। उन्हें 56 फीसदी से अधिक मत प्राप्त हुए थे।
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इन्होंने भी आजमाया भाग्य

वर्ष – प्रत्याशी- नाम- पार्टी मत मिले

1984 – मीरा पाटोदिया- निर्दलीय – 355
1996- मंजुला कौशिक- जनता दल – 5319
1998 – सुनीता चतुर्वेदी- सीपीआइ – 13966
1998 – अरुणा गौर, सपा – 1496
1999 – सुनीता चतुर्वेदी- सीपीआइ – 8507
1999 – श्रीलता स्वामीनाथन- सीपीआई एमएल – 4226
2004 – प्रभु देवी सोयल- निर्दलीय- 807
2009 – भंवर कंवर राजावत- निर्दलीय – 573
2014 – नीरू अग्रवाल – 1566
(वर्ष 1980, 1989 और 1991 में जयपुर से किसी भी महिला प्रत्याशी ने चुनाव नहीं लड़ा।)


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पिछले लोकसभा चुनाव में पांच महिलाओं ने लड़ा चुनाव

जयपुर ज्योति खंडेलवाल, कांग्रेस 4.93 लाख
राम जानकी स्वामी, निर्दलीय 2058
शोभल सिंह, निर्दलीय 1348
बबीता वाधवानी, निर्दलीय 672

जयपुर ग्रामीण

कृष्णा पूनिया, कांग्रेस 4.26 लाख

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