आलाकमान जानते हैं या नहीं, सरकार रिपीट न हो इसकी सुपारी किस-किस ने ली है?
अलवर जिले में अप्रेल-2022 में तत्कालीन जिला कलक्टर नन्नूमल पहाड़िया का तबादला कर शिवप्रसाद नकाते को लगाया था। नकाते यहां ज्यादा समय नहीं टिक सके। तीन माह में नकाते का अलवर से तबादला कर दिया गया। इसके बाद जितेन्द्र सोनी को कलक्टर लगाया गया। सोनी ने जिले में शिक्षा, चिकित्सा एवं अतिक्रमण को लेकर कई अभियान चलाए।
साथ ही जमीनों की बंदरबांट जैसे कई बड़े मामले में सख्ती से कार्रवाई की। सोनी की इन कार्रवाई से स्थानीय जनप्रतिनिधियों में नाराजगी होना बताया जा रहा है। जनप्रतिनिधियों की इसी नाराजगी को कलक्टर सोनी के तबादले का कारण माना जा रहा है। अब जिले की कमान प्रमोटी आइएएस पुखराज सेन को सौंपी गई है।
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टहला में जमीनों की बंदरबांट के खिलाफ कार्रवाई भारी पड़ी
जिला कलक्टर सोनी ने टहला में सरकारी जमीन की बंदरबांट मामले में सख्ती से कार्रवाई की थी। प्रकरण में स्थानीय एसडीएम का तबादला भी हुआ। बताया जा रहा है कि सरकारी जमीन पर कुछ जनप्रतिनिधि व अधिकारियों के कब्जा किए जाने की भी चर्चा है, लेकिन कलक्टर के कार्रवाई करने और जांच को लेकर सरकार को रिपोर्ट भेजने से जनप्रतिनिधि नाराज थे। कलक्टर ने सिलीसेढ़ का पानी अलवर लाने का भी प्रस्ताव भिजवाया था, इससे भी ग्रामीण क्षेत्र के एक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि नाराज चल रहे थे।
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सीएम ने बिठाया पर एक दिन ही बैठ सके
कलक्टर सोनी मिनी सचिवालय में अपने नए दफ्तर में एक ही दिन बैठ सके। हाल ही नए दफ्तर में कुर्सी पर सोनी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने दौरे के दौरान बिठाया था, लेकिन सोनी इस सीट पर एक दिन बैठ सके। पहले दिन महात्मा गांधी प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित किए और काम संभाला था।