सदन की बैठक ज्यादा से ज्यादा हो और सदन सुचारू रूप से चले। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने यह पहल की है। सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेता और कुछ निर्दलीयों को शामिल किया जाएगा।
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सदन के नेता यानी मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के अलावा आरएलपी, आरएलडी, बसपा के एक-एक और निर्दलीय विधायक इस सर्वदलीय दल के सदस्य होंगे। सरकारी मुख्य सचेतक और विपक्ष के सचेतक को भी इस बैठक में शामिल किया जाएगा। बैठक का भी वही स्वरूप होगा, जो लोकसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता सर्वदलीय बैठक का होता है।
कम से कम 40 दिन सदन चलाना चाहते हैं
देवनानी ने विधानसभा अध्यक्ष का पद ग्रहण करने के बाद घोषणा की थी कि वे शुरुआत में एक साल में कम से कम 40 दिन सदन चलाना चाहते हैं, जिससे सदन में ज्यादा से ज्यादा विषयों पर चर्चा हो सके।
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19 जनवरी सेचलेगा सदन
सोलहवीं विधानसभा का पहला सत्र 19 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। यह सत्र दो चरणों में चल सकता है। पहला चरण तीस जनवरी तक चल सकता है। इसके बाद दूसरा चरण फरवरी के दूसरे सप्ताह में शुरू हो सकता है। पहले चरण में राज्यपाल का अभिभाषण होगा और उस पर चर्चा होगी। इसके अलावा सदन में एक-दो विधेयक भी पास होने के लिए रखे जा सकते हैं। पहले चरण में सदन की छह से सात बैठकें हो सकती है। दूसरे चरण में लेखानुदान पेश होगा।