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सवाल ये है कि क्या पायलट सीएम गहलोत के खिलाफ बयान देकर सीधे कांग्रेस आलाकमान मल्लिकार्जुन खड़गे पर दबाव बना रहे हैं। सियासी पंडित मानते है कि राजस्थान में सत्ता-संगठन में होने वाले बदलावों पर पायलट अपना दबदबा बनाए रखना चाहते है इसलिए वो मुखर हो रहे है, इसके अलावा वो दो राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद राजस्थान में अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने का इशारा कर रहे हैं
पायलट का साफ कहना है कि राजस्थान में उपजे सियासी संकट पर पार्टी अनुशासन समिति को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, पायलट ने कहा कि पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे और एके एंटनी जल्द निर्णय लेंगे। नियम सब के लिए बराबर है और निर्णय जल्द लिया जाएगा। अभी हम गुजरात और हिमाचल के चुनाव पर ध्यान दे रहें है। पायलट ने कहा कि 25 सितंबर को सीएलपी की मीटिंग होनी थी, लेकिन हो नहीं पाई, उसके लिए सीएम ने माफी मांग ली है।
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गहलोत का पायलट की बयान का जवाब दिया और कहा, “केसी वेणुगोपाल ने पार्टी में सभी से ऐसी कोई टिप्पणी नहीं करने को कहा है. हम चाहते हैं कि सभी अनुशासन का पालन करें.”किसी को बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. हमारे धैर्य होना चाहिए कि अगली बार हम सरकार कैसे बनाए. हमारा धैर्य है कि कैसे अगली सरकार कैसे रिपीट हो.