बैठक के बाद अशोक गहलोत ने कहा कि मैं कांग्रेस का वफादार सिपाही रहा हूं। हाल ही में राजस्थान कांग्रेस में जो भी कुछ हुआ उसके लिए मैंने सोनिया गांधी के समक्ष खेद जताया। गहलोत ने कहा कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ूंगा। जब अशोक गहलोत से ये पूछा गया कि क्या आप राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे तो उन्होंने कहा कि मैं यह तय नहीं करूंगा, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी यह तय करेंगी।
जब गहलोत सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ गए, तो उनके पास एक पेपर था, जिसमें लिखा हुआ था जो हुआ बहुत दुखद है, मैं भी बहुत आहत हूं। इससे पहले अशोक गहलोत ने दिल्ली पहुंचकर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि हम सभी कांग्रेस अध्यक्ष के अनुशासन में काम करते हैं। छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं। आप सब देखोगे कि कांग्रेस अध्यक्ष के हिसाब से ही सारे फैसले होंगे।
अशोक गहलोत की सोनिया गांधी से मुलाकात से ठीक पहले केबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि अगर किसी और खेमे से मुख्यमंत्री बनाया बनाया गया, तो हम सभी विधायक इस्तीफा दे देंगे। हम मध्यावधि चुनाव के लिए भी तैयार हैं।