जेल में भी उसका आचरण सही रहा तो कुछ दिन पहले उसे नियमानुसार जमानत पर छोड़ दिया गया। लेकिन जेल से छूटने के कुछ दिन बाद ही जगह गुर्जर ने फिर से अपराध की राह पकड ली और बीती रात अपनी किसी पुरानी रंजिश को लेकर एक बार फिर से गांव की शांति गोलियों की आवाज से भंग कर दी। उसके खिलाफ अब गांव के सैंकड़ों ग्रामीण पुलिस के पास जाने की तैयारी कर रहे हैं दरअसल बाड़ी के नजदीकी गांव बिरामपुर में यह फायरिंगक की गई।
बताया जा रहा है कि जगन गुर्जर और पूर्व दस्युं कोमेश गुर्जर के बीच किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था। साथ ही जगन की कोमेश के भाई रवि से भी अनबन थी। इसी बात को लेकर कुछ दिन पहले फिर से विवाद हुआ और बीती रात अंजाम फायरिंग और जान लेने की धमकियां पर खत्म हुआ। अब आसपास के गांवों के ग्रामीण जगन की दहशत के बाद फिर से पुलिस की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं। सदर पुलिस ने मामले की जांच शुरु कर दी है।