रिपोर्ट में बताया गया है कि जिन स्थानों पर निर्माण होना है, वहां कितने गांवों की जमीन में भूमि अधिग्रहण की जाएगी। पहले चरण में रामगढ़-महलपुर में बैराज और नवनेरा पंप हाउस बनेगा। पानी बीसलपुर-ईसरदा बांध तक पहुंचेगा। डीपीआर तैयार की जा रही है और जल्द ही काम भी शुरू कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि पहले चरण में 9600 करोड़ रुपए में काम होगा। वर्ष 2028 तक बीसलपुर और ईसरदा बांध तक चंबल का पानी लाने की योजना है। क्योंकि बीसलपुर 2027 तक की आबादी को देखते हुए डिजाइन किया गया।
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अधिकारियों ने गिनाए फायदे…
- परियोजना क्षेत्र में जल संग्रहण का एक बड़ा स्रोत बनेगा, जिससे भू-जल स्तर में बढो़तरी होगी।
- निचले क्षेत्र में बने जल संग्रहण स्रोतों को आवश्यक समय में जलापूर्ति हो सकेगी। क्षेत्र में जल की उपलब्धता होगी।
- कृषि पैदावार बढ़ेगी, किसानों को फायदा।
- पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
- प्रदेश के 10 जिलों (नव गठित 17 जिले) में बाढ़ व सूखे की स्थिति कम होगी।
- उद्योगों को जल की उपलब्धता के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार होगा। लोगों को रोजगार मिलेगा।
- बांधों में पर्याप्त जल होनेपर पेयजल से वंचित क्षेत्र, शहर, कस्बों के लिए पेयजल आपूर्ति होगी।