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Phone Tapping Case: ‘पायलट के साथ मानेसर गए MLAs के कॉल सुनते थे गहलोत’, लोकेश शर्मा का बड़ा खुलासा

Rajasthan Phone Tapping Case: पूर्व OSD रहे लोकेश शर्मा ने दिल्ली पुलिस से पूछताछ के बाद कहा कि राजस्थान में पॉलिटिकल क्राइसिस के समय अशोक गहलोत अपने पक्ष के MLA सहित सचिन पायलट के साथ मानेसर गए MLA के फोन सर्विलांस पर लिए थे।

जयपुरSep 26, 2024 / 08:13 am

Nirmal Pareek

Rajasthan Phone Tapping Case: मानेसर कांड के बहाने राजस्थान की राजनीति में फिर से भूचाल आया है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने राजस्थान के चर्चित फोन टैपिंग केस में दिल्ली पुलिस की पुछताछ के बाद बड़े खुलासे किए हैं। लोकेश शर्मा ने फोन टैपिंग केस को लेकर पूर्व सीएम पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पॉलिटिकल क्राइसिस के समय अशोक गहलोत अपने पक्ष के विधायकों सहित सचिन पायलट के साथ मानेसर गए लोगों की कॉल रिकॉर्डिंग सुनते थे।
दरअसल, लोकेश शर्मा ने दिल्ली में क्राइम ब्रांच की पूछताछ के बाद कहा कि राजस्थान में पॉलिटिकल क्राइसिस के समय अशोक गहलोत अपने पक्ष के विधायकों सहित सचिन पायलट के साथ मानेसर गए विधायकों के फोन सर्विलांस पर लिए थे, वह सभी की रिकॉर्डिंग सुनते थे कि किसने किससे बात की? इसमें तत्कालीन DGP, चीफ सेक्रेटरी, होम सेक्रेटरी और CM के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका भी शामिल थे।

फोन टैपिंग के लिए गहलोत को जिम्मेदार बताया

फोन टैपिंग की किसी भी बात से इनकार करते हुए लोकेश शर्मा ने कहा कि इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिम्मेदार हैं। कहा कि 16 जुलाई 2020 को उन्होंने मुझे जो ऑडियो क्लिप दिए थे वही मैंने मीडिया को दिए थे। लोकेश शर्मा ने कहा कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को अशोक गहलोत से पूछताछ करनी चाहिए कि उन्होंने कानूनी रूप से या गैर कानूनी रूप से फोन टैप कैसे करवाए।
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दिल्ली पुलिस की पूछताछ के बाद लोकेश शर्मा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पिछले साल अक्तूबर में क्राइम ब्रांच ने जब पूछताछ की थी तब मैं उस वक्त के मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत के OSD के रूप में काम कर रहा था। इसलिए जो निर्देश मुझे मिलता था मैं उसी तरह के बयान दे रहा था और ये मेरी नैतिक जिम्मेदारी भी थी, लेकिन अब फोन टैपिंग का सारा जिम्मा मेरे माथे मढ़ दिया गया है।

मेरा फोन टैपिंग से कोई लेना-देना नहीं- लोकेश शर्मा

फोन टैपिंग के आरोपों पर बोलते हुए उन्होंने आगे कहा कि उस समय के तात्कालीन केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जो FIR मुझ पर करवाई, उसमें यह लिखा हुआ है कि उनके फोन को इलीगली इंटरसेप्ट करके रिकॉर्डिंग को वायरल किया गया। जबकि मैंने हमेशा यह जवाब दिया है कि मेरा फोन टैपिंग से कोई लेना-देना नहीं है। मुझे बस ऑडियो क्लिप पेन ड्राइव में मिले और उनको मैंने सर्कुलेट किया, जो कि मेरी जिम्मेदारी बनती थी, मैंने वही किया।
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लोकेश शर्मा ने दिया 7 पेज का बयान

वहीं, लोकेश शर्मा ने यह भी कहा कि आज मैंने सात पेज का मेरा जवाब दिया है और इस स्टेटमेंट को कलमबद्ध भी करवाया है। मैंने दिल्ली क्राइम ब्रांच के समक्ष कहा है कि फोन टैपिंग से जुड़े हुए जो तथ्य मेरे पास हैं, जरूरत पड़ने पर मैं क्राइम ब्रांच के समक्ष पेश कर सकता हूं। साथ ही लोकेश शर्मा ने कहा अब इस मामले में क्राइम ब्रांच को आगे इन्वेस्टिगेशन के लिए अशोक गहलोत से पूछताछ करनी चाहिए।

परिवार के लिए मांगी सुरक्षा

इसके अलावा लोकेश शर्मा ने कहा कि मुझे और मेरे परिवार के किसी भी सदस्य को अगर कुछ होता है तो इसकी ज़िम्मेदारी अशोक गहलोत की होगी। दिल्ली क्राइम ब्रांच को मुझे और मेरे परिवार को सुरक्षा उपलब्ध करानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि फोन टैपिंग के मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मार्च 2021 में दिल्ली क्राइम ब्रांच में लोकेश शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, जिसके खिलाफ शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है।
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