विधायकों ने जल्द ही जनता का दिल जीतने का प्रयास नहीं किए तो पत्रिका के सर्वे के अनुसार राजस्थान के मौजूदा 125 विधायकों की विधानसभा में वापसी काफी मुश्किल ही लग रही है। इनमें 2013 में पहली बार जीतने वाले विधायकों की संख्या भी कम नहीं है। जनता जनार्दन ही विधायकों का भाग्य तय करेगी और सर्वे के अनुसार जतना का मत यह है कि 68 विधायक मैदान से नहीं हटे तो मतपेटियों से उनके भाग्य में हार ही निकलने वाली है।
लूणकरणसर,राजाखेड़ा और दातारामगढ़ के वरिष्ठ और वयोवृद्ध विधायक ऐसे हैं, जिनको जनता का आशीर्वाद आप भी प्राप्त है। इसके अलावा बहुत से विधायकों की विदाई भी जनता चाहती है। राजस्थान के विधायकों के लिए है बड़ा संकेत
– राजस्थान के विधायक जनता की उम्मीदों के पैमाने पर पिछड़ गए। छत्तीसगढ़ के विधायक काफी हद तक उम्मीदों पर उतर गए।
– जन्ता ही असल में किंगमेकर होती है। इस पैमाने पर भी राजस्थान के विधायक पिछड़े तो मध्यप्रदेश के विधायकों ने अच्छा प्रदर्शन किया। – छत्तीसगढ़ के मौजूदा विधायकों के लिए आंकड़े काफी हद तक राहत भरे साबित हो सकते है। मध्यप्रदेश और राजस्थान में चेतावनी।
वर्तमान चेहराें को दुबारा नही ́ देखना चाहते लोग जयपुर शहर की किसी भी विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय विधायक को दुबारा उसी रूप में चाहने वालों की संख्या अपेक्षाकृत कम रही। आदर्श नगर, मावलीय नगर, सिविल लाइन, सांगानेर, हवामहल सहित सभी क्षेत्र में विधायक के चेहताें में भारी कम आई है। आदर्श नगर व सिविल लाइन जैसे कई क्षेत्र में लोगों का मानना है कि विधायक ने जनता के बीच कम समय बिताया है। तेरह क्षेत्र ऐेसे हैं जहां विधायक जनता के उम्मीदाें पर खरा नहीं उतरे। इन क्षेत्राें में सर्वे में उन लोगों की संख्या अधिक रही जो यह मानते हैं कि विधायक ने उम्मीद के मुताबिक काम नही ́ किया। विधायक की ओर झुकाव रखने वाले लोगों की संख्या पांच क्षेत्राें में ही अधिक रही।