जयपुर

राजस्थान पत्रिका स्थापना दिवस: 5 मार्च को होगी गुलाल आतिशबाजी, 100 फीट ऊपर बनेगा इन्द्रधनुष, सतरंगी होगा आसमां

पांच मार्च, रविवार को गुलाबी नगर के लोग अल्बर्ट हॉल के सामने रोमांचक पलों के गवाह बनेंगे। अवसर होगा राजस्थान पत्रिका के 68वें स्थापना दिवस पर आयोजित भव्य गुलाल आतिशबाजी का। अपराह्न 3 से शाम 6 बजे तक होने वाले कार्यक्रम का आगाज चंग की थाप और फिर कवि सम्मेलन से होगा।

जयपुरMar 03, 2023 / 09:46 am

Santosh Trivedi

पत्रिका न्यूज नेटवर्क/जयपुर। पांच मार्च, रविवार को गुलाबी नगर के लोग अल्बर्ट हॉल के सामने रोमांचक पलों के गवाह बनेंगे। अवसर होगा राजस्थान पत्रिका के 68वें स्थापना दिवस पर आयोजित भव्य गुलाल आतिशबाजी का। अपराह्न 3 से शाम 6 बजे तक होने वाले कार्यक्रम का आगाज चंग की थाप और फिर कवि सम्मेलन से होगा। इसके बाद गुलाल आतिशबाजी की छटा बिखरेगी, जिसकी शुरुआत 21 तोपों की कलरफुल गर्जना के साथ होगी।

गुलाल आतिशबाजी का हर आयटम लोगों का दिल जीत लेगा। 100 फीट ऊपर गुलाल के रंगों से इन्द्रधनुष बनेगा और दूर-दूर से आसमान सतरंगी नजर आएगा। बीच-बीच में फूलों की वर्षा भी होगी। रंगीन चक्र भी आसमान में लहराएंगे। लोगों को आसमां पर ‘राजस्थान पत्रिका आपका स्वागत करता है’ लिखा नजर आएगा। आतिशी नजारों में आसमां पर नारियल के पेड़ देखकर लोग विस्मित हो जाएंगे और रंगीन धुआं 20 फीट ऊपर जाकर पेड़ो में बदल जाएगा।

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गुलाल की 25 हवाइयों के साथ कार्यक्रम का समापन होगा। राजस्थान पत्रिका, जयपुर के वितरण केन्द्रों पर शुक्रवार से प्रात: 8 से 11 बजे तक कार्यक्रम के पास उपलब्ध रहेंगे। जो प्रतिदिन ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर दिए जाएंगे।

हंसाएंगे देश के ख्यातनाम कवि
हास्य कवि अपने शब्द बाणों से माहौल में चार चांद लगाएंगे। चंग की थाप पर शहरवासियों को झूमने का मौका मिलेगा। इसके बाद कवि सम्मेलन होगा। राजस्थान पत्रिका 95 एफएम तड़का के आरजे के एंकरों की मधुर आवाज भी लोगों को रिझाएगी।

 

ये कवि सुनाएंगे रचनाएं
सत्यनारायण सत्तन: इंदौर में जन्मे। कवि, लेखक और अध्यापक। गुरु के नाम से विख्यात। राष्ट्रवादी कवि के रूप में पहचान। व्यवस्था के खिलाफ करते हैं व्यंग्य।

आलोक श्रीवास्तव: कवि व गीतकार। अंतरराष्ट्रीय पुश्किन पुरस्कार समेत कई पुरस्कार जीत चुके। हाल ही शिव तांडव स्त्रोत का हिंदी में भावानुवाद किया है।

सुमित ओरछा: राम की नगरी ओरछा से आने वाले कवि के तौर पर बनाई पहचान। राष्ट्र और राम के जीवन पर उनका काव्य लोगों को देश और अध्यात्म से जोड़ देता है।

संदीप शर्मा: मध्यप्रदेश के धार निवासी, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि हैं। 30 वर्ष से मंचों पर सक्रिय हैं। टेलीविजन के कई कार्यक्रमों में उन्होंने छाप छोड़ी है।

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