कई जगह बहाव क्षेत्र को मिट्टी से भरकर भी खत्म कर दिया गया। यह तो वो लापरवाहियां हैं, जो गैरकानूनी तरीके से हुईं। सरकारी स्तर पर तो कांक्रीट की सड़क ही बना दी गई। नतीजा… रामगढ़ सूखा है। कोर्ट के निर्देशों के बाद भी सरकारी रवैया निराशाजनक और जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया सुस्त।
बांध को अपना पुराना वैभव लौटाने में अब आम आदमी को ही आगे आना होगा। इसीलिए पत्रिका आज से शुरू कर रहा है ‘आओ पुनर्जीवित करें रामगढ़’ का डिजीटल कैंपेन। पर्यावरण का यह प्रदेश स्तरीय अभियान आपके सहयोग और सक्रियता से ही पूरा होगा।
एक खूबसूरत भविष्य के लिए आपका समर्थन जरूरी है। आप डिजीटल माध्यम से भी अभियान को अपना समर्थन दे सकते हैं। इसे हाईकोर्ट और राजस्थान के मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा।
दिए गए लिंक पर जाकर अभियान को समर्थन दें। यह बेहद संक्षिप्त फार्म है, जो एक मिनट से भी कम समय में पूरा हो जाता है। www.surveymonkey.com/r/ramgarh_dam QR Code स्कैन करें-