पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने वाले बागियों और निर्दलीयों को मनाने की कवायद में प्रदेश भाजपा भी सक्रीय दिखाई दे रही है। मान-मनव्वल के लिए प्रदेश नेतृत्व की ओर से सम्बंधित चुनाव प्रभारियों और पर्यवेक्षकों के साथ ही स्थानीय क्षेत्रों के वरिष्ठ नेताओं को ज़िम्मेदारी दी गई है। वहीं भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी और उनके समर्थक भी ज़्यादा से ज़्यादा बागियों के नाम वापसी कराने की कोशिशों में जुट गए हैं। हालांकि ये कवायद आज नामांकनों की समीक्षा के बाद शेष रहे प्रत्याशियों की सूची सामने आने के बाद ही रफ़्तार पकड़ेगी।
गौरतलब है कि पंचायत राज संस्थाओं के आम चुनाव 2021 के अन्तर्गत नाम निर्देशन भरे जाने के अंतिम तिथि कल थी। आज नामांकन पत्रों की जांच प्रक्रिया पूरी होगी जिसमें नामांकन में कमियां या किन्हीं कारणों से उन्हें अवैध पाए जाने पर खारिज कर दिया जाएगा। चुनाव कार्यक्रम के तहत नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख बुधवार 18 अगस्त दोपहर तीन बजे तक की रहेगी।
24 घंटे में मान-मनौव्वल की चुनौती !
कांग्रेस और भाजपा के पास बागियों को मनाने के लिए लगभग 24 घंटे का समय रहेगा। दरअसल, नामांकन जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव प्रतीकों का आवंटन एवं चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची का प्रकाशन होगा। इसके बाद से नाम वापसी की तय तारीख और समय में लगभग 24 घंटे तक का फासला रहेगा। ऐसे में दोनों दलों के पास इस अलप समय में अपने-अपने बागियों को मनाने की चुनौती रहेगी।
नाम वापस नहीं लिया तो कार्रवाई
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने पहले ही ये साफ़ निर्देश दिए हुए हैं कि पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के समक्ष यदि पार्टी के ही किसी नेता या कार्यकर्ता ने ताल ठोकी, तो उसे अनुशासनहीनता की श्रेणी में माना जाएगा। नामांकन वापसी की आखिरी तारिख निकलने के बाद भी चुनाव मैदान में बरकरार रहे बागियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।
गांव की सरकार: आज हो रही नामांकन जांच
चुनाव कार्यक्रम के अनुसार नामांकन पत्रों की जांच का कार्य आज किया जाएगा। यदि किसी नामांकन में कोई कमी पाई गई तो उसे खारिज कर दिया जाएगा। इसके बाद 18 अगस्त को अपरान्ह 3 बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। नाम वापसी के तुरंत बाद प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह का आवंटन कर दिया जाएगा और उम्मीदवारों की सूची का प्रकाशन भी कर दिया जाएगा।
इससे पहले पंचायत चुनाव में नामांकन का काम पूरा हो चुका है। कांग्रेस और भाजपा सहित अन्य उम्मीदवारों ने मैदान में ताल ठोक दी है। राज्य चुनाव आयोग ने आज सवेरे नामांकन के कुल आंकड़े जारी किए। इनमें जिला परिषद के दो सौ सदस्यों के लिए 1093 उम्मीदवारों ने पर्चे भरे है वहीं पंचायत समिति के 1564 सदस्यों के लिए 7887 उम्मीदवारों ने पर्चे दाखिल किए है।
जयपुर जिले में 51 सीटों के लिए 170 उम्मीदवार
जयपुर जिला परिषद सदस्य की 51 सीटों के लिए 170 उम्मीदवार मैदान में है। ऐसे में हर सीट के लिए कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। कांग्रेस और भाजपा के साथ— साथ यहां आरएलपी ने भी उम्मीदवार उतारे है। ऐसे में कई सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिलेगा। ऐसे में सभी दल चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे ताकि जिला परिषद सदस्य बन कर अपनी राजनीति को आगे बढ़ा सके।
भरतपुर में सबसे ज्यादा उम्मीदवार
जिला परिषद भरतपुर की 37 सीटों के लिए सर्वाधिक 376 उम्मीदवार मैदान में है। ऐसे में सबसे ज्यादा संघर्ष यहीं देखने को मिलेगा। कांग्रेस और भाजपा ने यहां पर कई सीटों पर सिंबल भी नहीं दिए है। ऐसे में जो निर्दलीय जीतेगा वे उसे ही अपने साथ लेने की कोशिश करेंगे ताकि उनकी पार्टी का जिला प्रमुख बन सके।
तीन चरणों में डलेंगे वोट—
प्रदेश में छह जिलों में पंचायत चुनाव हो रहे है। इनमें भरतपुर, दौसा, जयपुर, जोधपुर, सवाईमाधोपुर, सिरोही शामिल है। इनके जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव होंगे। इनके लिए 26 अगस्त, 29 अगस्त और 1 सितंबर को तीन चरणों मेे वोट पडेंगे। इसके बाद 4 सितंबर को संबंधित जिला मुख्यालयों पर सभी की मतगणना करा कर नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। इसके बाद जिला प्रमुख, प्रधान का चुनाव 6 सितंबर को होगा और उप प्रमुख, उप प्रधान का चुनाव 7 सितंबर को कराया जाएगा। इस चुनाव प्रक्रिया के लिए अफसरों को बतौर पर्यवेक्षक लगाया गया है।