पंचायती राज विभाग के सचिव रवि जैन ने सभी जिला कलक्टर को पत्र लिखकर निर्धारित रियायती दरों से अवगत कराने के साथ ही योजना में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने पूर्व में घुमंतू-अर्द्धघुमंतू परिवारों को रियायती दरों पर जमीन देने की घोषणा तो कर दी थी, लेकिन दरें तय नहीं की थी।
दिलचस्प यह भी है कि सरकार ने जमीन आवंटन की रियायती दरों का निर्धारण 1991 की जनगणना को आधार मानकर किया है। वर्ष 1991 की जनगणना के हिसाब से 1000 से कम आबादी वाले गांवों में 2 रुपए प्रति वर्ग मीटर, 2000 की आबादी वाले गांवों में पांच रुपए प्रति वर्ग मीटर और उससे अधिक आबादी वाले गांवों में 10 रुपए प्रति मीटर के हिसाब से जमीन आवंटित की जाएगी। दो अक्टूबर को राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इन परिवारों को पट्टे आवंटित करेंगे। इसके साथ ही ग्राम सभाओं में भी पट्टे दिए जाएंगे।
जमीन चिह्नीकरणका काम पूरा
आवासहीन परिवारों के लिए सभी गांवों में आबादी भूमि का चिह्नीकरण का काम पूरा कर लिया गया है। पंचायतों ने इसकी रिपोर्ट पंचायत राज विभाग को भी भेज दी है। विभाग ने इसके लिए 29 अगस्त की डेडलाइन तय की थी।
5 सितंबर तक लिए जाएंगे आवेदन
इधर, योजना में घुमंतू-अर्द्धघुमंतू परिवारों से आवेदन लिए जा रहे हैं, 5 सितंबर तक आवेदन लिए जाएंगे और उसके बाद 25 सितंबर तक ग्राम पंचायतों की बैठकों में जमीन देने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा।