जांच में खुलेगी परतें
जयपुर में रिंग रोड के पास ऐसे कई मामले हैं, जहां मुआवजे के रूप में जमीन के बदले जमीन दी गई। इनमें फागी रोड, नेवटा, गोनेर रोड के ज्यादा मामले हैं। इसके अलावा जोन 12 में सेज से जुड़े इलाकों में सेक्टर रोड के लिए जमीन अवाप्त की गई। इस इलाके में तीन बड़े कॉलोनाइजर-डवलपर्स की जमीनें हैं। एक कॉलोनाइजर की तो जेडीए के बड़े अफसरों के साथ नियमित बैठक होती रही है।
बार-बार नियमों में बदलाव कर निकाली “गली”
खर्रा ने लैंड यूज चेंज का उदाहरण देते हुए कहा कि इसके लिए नियमों को कई बार बदला गया। ऐसे मामले भी हैं जब अधिकारी को किसी अपने को फायदा पहुंचाना होता है तो वे पुराने नियमों का भी इस्तेमाल करने से नहीं चूकते हैं।
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मंत्री की जमीन के इन मामलों पर भी मांगी रिपोर्ट..
– पिछले 4 वर्ष में प्रदेश में किस-किस संस्था, ट्रस्ट व्यक्ति को किस उद्देश्य से भूमि आवंटित की गई।
– सुविधा क्षेत्रों में अब तक कितने भूखण्ड सृजित कर भूमि बेची गई।
– 90 बी प्रक्रिया के बाद प्रस्तुत मानचित्रों में किस कारण से परिवर्तन किए गए।
– जेडीए ने 176 पाक विस्थापितों को गोविंदपुरा में भूखण्डों का आवंटन किया था, लेकिन कुछ व्यक्तियों ने भूमि पर अतिक्रमण कर लिया। आवंटी मौके पर काबिज है या नहीं।
– नगर पालिका क्षेत्र में नियम विरुद्ध कितने पट्टे जारी किए गए।
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जोश में होश नहीं खोएं, जो कर सकें वही बताएं…
सौ दिन की कार्ययोजना पर यूडीएच मंत्री ने अधिकारियों को हिदायत भरे अंदाज में कहा कि, अधिकारी ज्यादा जोश में ना आएं। कार्ययोजना में वही काम शामिल करें, जो कर सकते हों। नगर पालिकाओं में गड़बड़ी को लेकर भी सवाल पूछते गए।