जयपुर

SC on Reservation: आरक्षण पर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट, भजनलाल सरकार से पूछा सवाल

Supreme Court on Reservation: याचिकाओं में वर्ष 1999 में 1976 के राजस्थान दिव्यांगजन रोजगार नियमों के तहत की गई आरएएस भर्ती को चुनौती दी थी।

जयपुरOct 04, 2024 / 11:49 am

Rakesh Mishra

Supreme Court on Reservation: सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांगजनों को आरक्षण का लाभ देने में ढिलाई पर सख्त रूख दिखाया। कोर्ट ने सवाल किया कि 1995 में कानून लागू होने के बावजूद दिव्यांगजनों को वर्ष 2000 तक लाभ देने में सरकार विफल क्यों रही?
इस पर राज्य सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वर्ष 1999 की भर्ती में चयनित राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को कानून का लाभ दिलाने के लिए रास्ता निकाला जाएगा। अब 6 नवम्बर को सुनवाई होगी। न्यायाधीश ए एस ओका, अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और एजी मसीह की पीठ ने भुवनेश्वर सिंह व अन्य दो की विशेष अनुमति याचिका पर यह आदेश दिया।

24 साल पुराना मामला

याचिकाओं में वर्ष 1999 में 1976 के राजस्थान दिव्यांगजन रोजगार नियमों के तहत की गई आरएएस भर्ती को चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि राज्य सरकार ने 1995 के कानून की पालना में 18 अगस्त 2000 को राज्य सेवा में दिव्यांगजनों को 3 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय किया। ग्रुप ए व ग्रुप बी पदों के लिए आरक्षण लागू करने में देरी की गई, जो दिव्यांगजन अधिकार संबंधी 1995 के अधिनियम की धारा 33 का उल्लंघन था। इसके तहत कम से कम एक फीसदी पद दृष्टिहीन या कम दृष्टि वाले व्यक्तियों के लिए आरक्षित होने चाहिए थे।
कोर्ट ने इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा से जवाब मांगा, जिस पर उन्होंने कहा कि कैबिनेट के 24 साल पुराने निर्णय को अब नहीं पलट सकते। याचिकाकर्ता भुवनेश्वर सिंह सेवा में हैं, लेकिन भारत भूषण कटारिया सेवानिवृत्त हो चुके। उन्होंने समाधान निकालने का भरोसा दिलाते हुए कोर्ट से आग्रह किया कि ऐसा कोई आदेश पारित नहीं किया जाए जो नजीर बन जाए।
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