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जयपुर

Rajasthan News : प्राइवेट स्कूलों में नया सत्र शुरू, पेरेंट्स से वसूली मोटी फीस, शिक्षा विभाग की अब खुली नींद, जारी की गाइड लाइन

जयपुर में जिला शिक्षा अधिकारी के पास हर साल अभिभावक हजारों शिकायत करते हैं। अभिभावक संघों की ओर से भी हर साल मनमानी फीस बढ़ोतरी और स्कूलों की ओर से दबाव बनाने का विरोध किया है, लेकिन इन शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

जयपुरMay 16, 2024 / 01:08 pm

जमील खान

Jaipur News : जयपुर. निजी स्कूलों में नया सत्र शुरू हुए करीब डेढ़ महीना बीत चुका है। अभिभावकों ने स्कूलों में पहली तिमाही की फीस जमा करा दी है। स्कूलों की मर्जी के तहत बच्चों के लिए किताबें, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म भी खरीद ली गई हैं। इतना होने के बाद अब शिक्षा विभाग को अभिभावकों की परेशानी याद आई है। विभाग ने बुधवार को निजी स्कूलों के लिए गाइड लाइन जारी की है। इसमें निर्देश दिए हैं कि राज्य में संचालित मान्यता प्राप्त गैर सरकारी विद्यालयों को फीस एक्ट के प्रावधानों की पालना करनी होगी। हालांकि इस गाइड लाइन का निजी स्कूलों पर असर होता दिखाई नहीं दे रहा है। कारण है कि सत्र शुरू होने के साथ ही स्कूलों की मोटी फीस, स्टेशनरी, किताबों और यूनिफॉर्म सहित अन्य खर्चों से अभिभावकों की जेब ढीली हो चुकी है। हालांकि शिक्षा विभाग ने गाइड लाइन की पालना नहीं करने वाले निजी स्कूलों और इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
Rajasthan Samachar : हर साल आती जयपुर में हजारों शिकायत
जयपुर में जिला शिक्षा अधिकारी के पास हर साल अभिभावक हजारों शिकायत करते हैं। अभिभावक संघों की ओर से भी हर साल मनमानी फीस बढ़ोतरी और स्कूलों की ओर से दबाव बनाने का विरोध किया है, लेकिन इन शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। विभाग की ओर से हर साल स्कूलों के लिए गाइड लाइन जारी कर दी जाती है, लेकिन स्कूलों में कमेटियों की जांच नहीं की जाती। शहर में करीब एक हजार से अधिक छोटे-बड़े निजी स्कूल संचालित हैं। अधिकतर स्कूलों में कमेटियां नहीं बनी हैं।
कभी नहीं होती कमेटियों की बैठक
फीस एक्ट की पालना कराने के लिए हम वर्षों से प्रयास कर रहे हैं। एक्ट की पालना कराने के लिए स्कूल, जिला, संभाग और सरकार स्तर पर कमेटियां बनी हैं, लेकिन इनकी बैठकें नहीं होती। हम कमेटी में सदस्य भी हैं। सरकार को इस एक्ट की सख्ती से पालना करानी चाहिए। -दिनेश कांवट, अध्यक्ष, पेरेंट्स वेलफेयर सोसायटी
बेटी मानसरोवर के एक स्कूल में पढ़ती है। स्कूल की ओर से हर साल फीस बढ़ा दी जाती है। कई बार जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। सरकार ने जो फीस एक्ट बना रखा है, वह दिखावे के लिए है। -अभिनव शर्मा, मानसरोवर

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