जयपुर में जिला शिक्षा अधिकारी के पास हर साल अभिभावक हजारों शिकायत करते हैं। अभिभावक संघों की ओर से भी हर साल मनमानी फीस बढ़ोतरी और स्कूलों की ओर से दबाव बनाने का विरोध किया है, लेकिन इन शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। विभाग की ओर से हर साल स्कूलों के लिए गाइड लाइन जारी कर दी जाती है, लेकिन स्कूलों में कमेटियों की जांच नहीं की जाती। शहर में करीब एक हजार से अधिक छोटे-बड़े निजी स्कूल संचालित हैं। अधिकतर स्कूलों में कमेटियां नहीं बनी हैं।
फीस एक्ट की पालना कराने के लिए हम वर्षों से प्रयास कर रहे हैं। एक्ट की पालना कराने के लिए स्कूल, जिला, संभाग और सरकार स्तर पर कमेटियां बनी हैं, लेकिन इनकी बैठकें नहीं होती। हम कमेटी में सदस्य भी हैं। सरकार को इस एक्ट की सख्ती से पालना करानी चाहिए। -दिनेश कांवट, अध्यक्ष, पेरेंट्स वेलफेयर सोसायटी