जयपुर

दहेज का झूठा केस तो कैसे बच सकते हैं पति, पत्नी के खिलाफ हो सकता है क्या एक्शन, क्या झूठे होते हैं ज्यादातर केस

Dowry Laws for Men: इसके अलावा केस के ग्राउंड के आधार पर जज और ज्यादा सख्त भी हो सकते हैं। अधिकतर केसेज में सजा पतियों को ही लगती है।

जयपुरDec 12, 2024 / 11:40 am

JAYANT SHARMA

Dowry Laws: इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड के बाद एक बार फिर से दहेज संबधी मामलों में पुरुषों के अधिकार को लेकर बहस छिड़ गई है। बताया जा रहा है कि अतुल के परिवार ने पीएम तक से पुरुषों को लेकर किसी तरह का आयोग बनाने की मांग की है ताकि उनके पक्ष को भी सही तरीके से सुना जा सके। सोशल मीडिया पर चर्चा जोरों पर है। अधिकतर लोगों को यही पता है कि दहेज या महिला उत्पीडन के कानून महिलाओं के पक्ष के हैं। ये पूरी तरह से सही नहीं है।
जयपुर हाईकोर्ट के वकील भास्कर सावंत का कहना है कि ये सही है कानून का बड़ा हिस्सा महिलाओं के पक्ष में है। दहेज सबंधी या महिला उत्पीडन का केस लगता है तो पांच साल की जेल, पंद्रह हजार तक का जुर्माना, कभी-कभी दोनों भी हो सकते हैं। इसके अलावा केस के ग्राउंड के आधार पर जज और ज्यादा सख्त भी हो सकते हैं। अधिकतर केसेज में सजा पतियों को ही लगती है।
लेकिन कानून का दूसरा भी पक्ष है, जिसे कम ही लोग जानते हैं। अगर पत्नी अपने पति के खिलाफ झूठा केस दर्ज कराती है तो पत्नी के खिलाफ भी एक्शन हो सकता है। हांलाकि इस तरह के मामले बहुत ही कम सामने आते हैं। इसी तरह का एक मामला पिछले दिनों मुंबई से सामने आया था। साउथ मुंबई के एक कारोबारी ने पत्नी से तलाक मांगा था। उसने दहेज और उत्पीडन के केस लगा दिए। इस कारण से कारोबारी की साख खराब हुई और कारोबार में भी गिरावट हुई। कारोबारी ने अपना पक्ष कोर्ट में रखा जिसे सही पाया गया। इस पर कोर्ट ने पत्नी पर पचास हजार रुपए का जुर्माना लगाया और इसी ग्राउंड पर तलाक की अर्जी को भी मंजूरी दे दी गई।
अधिवक्ता सावंत का कहना है कि अगर सही तरह से पति अपना पक्ष रखे और अच्छे वकील की मदद से सबूत दें तो झूठे केसेज से अपना बचाव कर सकते हैं। साथ ही झूठे केस दर्ज कराने वालों पर पुलिस भी सेक्शन 188 के तहत केस दर्ज कराती है।

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