जनता झेल रही असुविधा
इस बीच सवाल है कि एक ओर सरकार पर नए जिले का अतिरिक्त खर्च है, तो दूसरी ओर लोग अपने कार्यों के लिए जिला मुख्यालय तक का 100 से 200 किलोमीटर का सफर तय करने को मजबूर हैं।
राजस्थान में नए जिलों के गठन को लेकर सीएम गहलोत ने लिया बड़ा फैसला
बढ़ाया कमेटी का कार्यकाल राज्य सरकार ने बजट सत्र में नए जिलों की मांग के प्रस्तावों का परीक्षण कराने को कमेटी बनाने की घोषणा की थी। इसी साल मार्च में रामलुभाया कमेटी का गठन किया, जिसे 6 माह का समय दिया गया। यह समय पूरा होने वाला है, इससे पहले ही सरकार ने कार्यकाल अगले साल मार्च तक बढ़ा दिया है।
14 साल पहले हुआ था गठन
राजस्थान में आखिरी बार 2008 में प्रतापगढ़ जिले का गठन हुआ। इसके बाद प्रदेश से आकार व आबादी में छोटे छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों ने अपने यहां जिलों की संख्या बढ़ा दी, लेकिन राजस्थान में 14 साल में कोई बदलाव नहीं आया है।
कमेटी दर कमेटी
2008 में राजस्व मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष परमेश चन्द्र की कमेटी की सिफारिश पर प्रतापगढ़ को जिला बनाया गया। फिर तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने मई 2012 में सेवानिवृत्त आइएएस जी एस संधू की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया। वर्ष 2013 के अंत में सरकार बदलने पर तत्कालीन सरकार ने 2014 में सेवानिवृत्त आइएएस परमेश चंद्र की अध्यक्षता में कमेटी बनाई, जिसने 2018 में अपनी सिफारिश दे दी। फिलहाल राम लुभाया कमेटी नए जिलों के प्रस्तावों का परीक्षण कर रही है।