वहीं, प्रदेश में सरकार बदलने के बाद नए जिलों पर संकट के बादल मंडराने लगे। भजनलाल सरकार का मानना है कि पूर्ववर्ती सरकार ने यह फैसला जल्दबाजी में लिया। जिसके चलते इन जिलों के गठन के दौरान काफी खामियां रह गई। जिसके लिए सरकार ने कमेटी गठित की है। हालांकि नए जिलों को लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है।
उच्च स्तरीय समिति गठित
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी ललित के पंवार की समिति के गठन को मंजूरी दी थी। यह उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को रिपोर्ट सौंपेगी। हाल ही में समिति के संयोजक और उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने पंवार की अध्यक्षता में गठित कमेटी को 15 दिन के भीतर नए जिलों के गठन को लेकर की गई सिफारिशों की समीक्षा कर रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले भजनलाल सरकार ने नए जिलों की समीक्षा के लिए उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के नेतृत्व में एक उपसमिति गठित की थी। जिसमें जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, राजस्व मंत्री हेमंत मीना शामिल है।