जयपुर

Rajasthan New District: राजस्थान के वे 14 जिले जिनके टुकड़े कर कोई भी नया जिला नहीं बना

Rajasthan New District Notification: राजस्थान सरकार के 19 नए जिलों की अधिसूचना को मंजूरी देेने के साथ ही प्रदेश में अब जिलों की संख्या 33 से बढ़कर 50 और संभाग 7 से बढ़कर 10 हो गए हैं।

जयपुरAug 05, 2023 / 01:27 pm

Santosh Trivedi

Rajasthan New District Notification: राजस्थान सरकार के 19 नए जिलों की अधिसूचना को मंजूरी देेने के साथ ही प्रदेश में अब जिलों की संख्या 33 से बढ़कर 50 और संभाग 7 से बढ़कर 10 हो गए हैं। जयपर और जोधपुर जिले में नगर निगम क्षेत्र को मौजूदा जिले में रखा गया है, जबकि नगर निगम सीमा से बाहर वाली तहसीलों को जयपुर ग्रामीण और जोधपुर ग्रामीण जिला नाम दिया गया है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि नए जिलों के गठन का यह प्रयोग विजन 2030 को ध्यान में रखते हुए विकास, निवेश व कानून व्यवस्था की बेहतरी के लिए किया है। नए जिलों की संभावना तलाशी जा रही है, जिसके लिए रामलुभाया कमेटी का कार्यकाल 6 माह और बढ़ा दिया है। प्रभारी मंत्री सात अगस्त को मंत्रोच्चार और भारतीय संस्कृति के साथ नए जिलों का विधिवत शुभारम्भ करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं विजन 2030 के लिए सभी से सुझाव आमंत्रित करता हूं।

मुख्यमंत्री गहलोत ने शुक्रवार को यहां मंत्रिमंडल की बैठक में नए जिलों की अधिसूचना को मंजूरी देने के बाद अपने राजकीय निवास पर मीडिया को यह जानकारी दी। इस मौके पर उन्होंने रिमोट के माध्यम से नए जिलों का शुभारम्भ किया। नए जिलों मे अब कलक्टर, एसपी और जिला स्तर के कार्यालय खुलना शुरू हो जाएंगे, जिनके लिए पिछले दिनों इन जिलों में लगाए गए विशेषाधिकारियों ने खाका तैयार कर लिया था।

छोटे जिलों को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि देशभर में 95 जिले ऐसे हैं, जहां पांच लाख से भी कम आबादी है। मुख्यमंत्री ने नए जिलों के लिए अधिकारियों की कमी के सवाल पर कहा कि कमी नहीं आने दी जाएगी। मंत्री भजन लाल जाटव की वैर और गोविन्दराम मेघवाल की खाजूवाला को जिला बनाने की मांग पूरी नहीं होने के सवाल पर कहा कि रामलुभाया कमेटी का कार्यकाल इसी तरह के मामलों को लेकर बढ़ाया है।

राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि आजादी के बाद प्रदेश के लिए सीएम ने उसी तरह इतिहास और भूगोल को बदला है, जिस तरह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी इतिहास और भूगोल को बदला था। मेरी मांग है कि आगे और भी जिले बनें, कुछ छोटे जिले भी बनाए जाएं। लोगों के साथ भाजपा वालों की भी जिलों की मांग आ रही है। छोटे जिले बनने से महात्मा गांधी का सपना पूरा होगा। उन्होंने कहा कि ज्यादा एमपी-एमएलए आएंगे तो काम भी ज्यादा होगा।

मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि नए जिले बनने का क्या फायदा होगा, मैं कलक्टर रहीं हूं यह मैं जानती हूं। कलक्टर 90 समितियों का अध्यक्ष होता है, वह जिलों के साथ न्याय नहीं कर पाता। 19 जिले बनने से राजस्थान गवर्नेंस का मॉडल बन जाएगा। अब शिकायतों के प्रभावी निस्तारण के साथ ही निवेश भी आएगा, जिससे नए जिलों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। छोटा जिला होगा, तो प्रशासन प्रभावी कार्य कर पाएगा। राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव अपर्णा अरोड़ा ने कहा कि जिलों के गठन को लेकर 21 मार्च 2022 को रामलुभाया कमेटी का गठन किया, जिसने दो अगस्त को राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंप दी। मंत्रिमंडल ने कमेटी की सिफारिशों का अनुमोदन कर दिया है।

दूदू सबसे छोटा, जैसलमेर सबसे बड़ा जिला
नोख उपतहसील के 7 गांव हटने के बावजूद जैसलमेर अभी भी सबसे बड़ा जिला बना रहेगा। 18 वर्तमान जिलों का पुनर्गठन किया गया। जयपुर और जोधपुर जिले के दो टुकड़े किए गए। इनके नगर निगम क्षेत्र को जयपुर-जोधपुर और इससे बाहर वाली तहसीलों को जयपुर-जोधपुर ग्रामीण में शामिल किया गया है। तहसील व क्षेत्रफल के हिसाब से दूदू सबसे छोटा जिला होगा। वहीं तहसील के हिसाब से जयपुर ग्रामीण सबसे बड़ा जिला होगा, जिसमें 13 तहसील होंगी।

प्रदेश के इन 14 जिलों को नहीं छेड़ा
प्रदेश के 14 जिले ऐसे हैं, जिनको छेड़ा नहीं गया है। ये वे जिले हैं, जिनके टुकड़े कर कोई भी नया जिला नहीं बना है। इसमें कोटा संभाग के चारों जिले शामिल हैं। इनमें बारां, बूंदी, कोटा, झालावाड़, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही शामिल हैं। जिलों के गठन को लेकर मंत्रिमंडल ने निर्णय तो दिन में ही ले लिया, मंत्रिमंडल आज्ञा और नए जिलों की अधिसूचना को लेकर देर रात तक कवायद चलती रही।

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