5 सितंबर का मौसम अपडेट
मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र अब साइक्लोनिक सर्कुलेशन में बदल चुका है और वर्तमान में दक्षिण पूर्वी राजस्थान के ऊपर स्थित है। इसके अतिरिक्त, बंगाल की खाड़ी में एक और नया कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना जताई गई है। इसके प्रभाव से पूर्वी राजस्थान में अगले 4-5 दिन तक मानसून (Monsoon) की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है।Rajasthan Monsoon : बारिश का अलर्ट: प्रभावित जिले
मौसम विभाग ने जयपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर, टोंक, अजमेर, भीलवाड़ा, और राजसमंद में तेज बारिश (Heavy Rain) का अलर्ट जारी किया है। जोधपुर, उदयपुर, कोटा और अजमेर संभाग में भारी से अतिभारी बारिश (Heavy Rain) की संभावना है। इसके अलावा, जयपुर, भरतपुर, और बीकानेर संभाग के कुछ हिस्सों में मध्यम से तेज बारिश हो सकती है।
पश्चिमी और पूर्वी राजस्थान में बारिश की स्थिति
पश्चिमी राजस्थान, विशेषकर जोधपुर और बीकानेर संभाग, में अगले 3-4 दिन तक मेघगर्जन के साथ मध्यम से तेज बारिश (Heavy Rain) की संभावना है। वहीं, पूर्वी राजस्थान के अधिकांश भागों में मानसून की गतिविधियाँ अगले 4-5 दिन तक सक्रिय रहने की संभावना है। इस दौरान, कई क्षेत्रों में भारी बारिश जारी रह सकती है।बांधों और नदियों की स्थिति
बारिश के चलते, उदयपुर में स्वरूपसागर और उदयसागर डैम के गेट खोल दिए गए हैं। बांसवाड़ा का माही बजाज डैम भी भर गया है, और पानी की निकासी जारी है। धौलपुर के पार्वत डैम के गेट भी खोले गए हैं। चित्तौड़गढ़ का गंभीरी डैम भी लबालब हो गया है। टोंक, बूंदी, और अन्य जिलों में भी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।हालिया बारिश के असर
पिछले 24 घंटों में, जयपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, कोटा, बूंदी, बारां, टोंक, जोधपुर, जालोर, और पाली जिलों में भारी बारिश हुई है। उदयपुर, भीलवाड़ा और बाड़मेर में कहीं-कहीं अतिभारी बारिश (Heavy Rain) दर्ज की गई है। राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश से सड़कें और रेल पटरियां प्रभावित हुई हैं। जोधपुर में चामुंडा नदी उफान पर है और रेलवे ट्रैक को भी नुकसान पहुँचा है।भविष्यवाणी और सावधानियाँ
मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार, आने वाले दिनों में राजस्थान में बारिश की गतिविधियाँ जारी रहने वाली हैं। ऐसे में, स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने और बारिश (Heavy Rain) के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। बांधों और नदियों के जलस्तर की निगरानी जरूरी है, और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।
राजस्थान के लोगों के लिए यह समय चुनौतियों से भरा हुआ है, लेकिन सावधानी और उचित तैयारी के साथ इस स्थिति का सामना किया जा सकता है।