जितना तपेगा नौतपा, उतनी होगी झमाझम बारिश
ऐसा माना जाता है कि नौतपा जितने अधिक तपते हैं तो उस साल बारिश भी अच्छी होती है। इसी वजह से नौतपा को मानसून का गर्भकाल भी माना जाता है। इस बार 25 मई से 2 जून तक नौतपा रहेगा। इन 9 दिनों में सूर्य यदि तेज तपता है तो उस क्षेत्र में अच्छी वर्षा होती है और संवत भी अच्छा होता है।
पारा 50 डिग्री पार, इन दिन आएगा मानसून
ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के मुताबिक, दो जून तक नौतपा की अवधि रहेगी, पश्चिमी और पूर्वी राजस्थान में मध्यम बारिश के आगामी दिनों में योग बन रहे हैं। ज्येष्ठ मास में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो गर्मी बढ़ती है। दरअसल, रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा का नक्षत्र है और सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने से चंद्रमा की शीतलता कम हो जाती है। नतीजन नौ दिनों तक भीषण गर्मी होती है। साथ ही इस अवधि में सूरज धरती के और भी करीब आ जाता है, जिससे भी धरती का तापमान बढ़ता है। 22 जून को ज्येष्ठ माह समाप्त होने के बाद गर्मी से राहत मिलेगी। तब सूर्य आद्रा नक्षत्र के प्रवेश करने से धरती पर बारिश की बूंदें गिरने लगेगी। इस वर्ष राजस्थान में 30 जून के आस-पास मानसून के आने की सभांवना है। इसी के साथ बारिश का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
29 मई के बाद कुछ जगहों पर हल्की बारिश, आंधी
ज्योतिषाचार्य पं. सुधाकर पुरोहित ने बताया कि खगोल विज्ञान के अनुसार नौतपा के दौरान धरती पर सूर्य की किरणें सीधे लंबी पड़ती है। इससे तापमान अधिक बढ़ता है। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में आने का प्रभाव ज्योतिष गणना के मुताबिक शनि की वक्री चाल के चलते नौतपा खूब तपेगा। हालांकि नौतपा के आखिरी दिनों में 29 मई के बाद मौसम बदलने से कुछ जगहों पर हल्की बारिश, आंधी चलने के पूरे आसार हैं।
नौतपा के बाद आंधी बारिश के योग
ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि शुरुआत में त्रिग्रही योग के कारण सूर्यदेव की तपिश इस बार अन्य साल के मुकाबले ज्यादा रहेगी। साथ ही तापमान भी कई रिकॉर्ड तोड़ेगा। ज्येष्ठ मास के शुरुआती चार से पांच दिनों में पारा 50 डिग्री तक पहुंचने के आसार है। इसके बाद आंधी, बारिश के योग रहेंगे। जिससे नौतपा खंडित होगा। वर्षाकाल में रोहिणी का वास संधि में रहने से खंडवृष्टि के योग रहेंगे। रोहिणी गलने के आसार जून के पहले दो दिनों में रहेंगे। इस दौरान आंधी चलने के साथ ही बूंदाबांदी होने के आसार हैं। रोहिणी का गलना भी कुछ जगहों पर असमानता दर्शाएगा। पश्चिमी और पूर्वी राजस्थान में मध्यम बारिश के योग बनेंगे। मानसून कमजोर नहीं रहेगा। हालांकि बीते छह साल के मुकाबले इस साल नौतपा ज्यादा प्रभावित आमजन को करेगा। 24 साल बाद नौतपा कला में गुरु और शुक्र ग्रह अस्त भी रहेंगे।