जयपुर

मानसून में अच्छी बारिश से खिलखिलाया राजस्थान, करोड़ों की बिजली-सब्सिडी की बचत

इस वर्ष अच्छी बारिश ने किसान, व्यापारी, आमजन से लेकर सरकार तक के चेहरे खिला दिए हैं। मानसून में औसतन 435.6 मिमी बारिश होती है, जबकि अब तक 458.3 मिमी बरसात हो चुकी है।

जयपुरAug 18, 2022 / 02:57 pm

Kamlesh Sharma

इस वर्ष अच्छी बारिश ने किसान, व्यापारी, आमजन से लेकर सरकार तक के चेहरे खिला दिए हैं। मानसून में औसतन 435.6 मिमी बारिश होती है, जबकि अब तक 458.3 मिमी बरसात हो चुकी है।

जयपुर। इस वर्ष अच्छी बारिश ने किसान, व्यापारी, आमजन से लेकर सरकार तक के चेहरे खिला दिए हैं। मानसून में औसतन 435.6 मिमी बारिश होती है, जबकि अब तक 458.3 मिमी बरसात हो चुकी है। 700 में से 496 बांध लबालब हैं। पेयजल की खपत प्रति व्यक्ति 40 लीटर तक घट गई है। कई शहरों में तो पेयजल संकट खत्म हो गया है।

अच्छी बारिश से भूजल स्तर में गिरावट का ग्राफ भी रुकेगा। खरीफ की फसल में दस प्रतिशत तक ज्यादा उत्पादन होने की संभावना है। रबी सीजन में भी पानी की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं, सरकार की तिजोरी से बिजली सब्सिडी की 60 प्रतिशत तक राशि बच सकती है। महंगी बिजली खरीदने की जरूरत अभी खत्म हो गई है। विषय विशेषज्ञों के मुताबिक इस स्थिति से प्रदेश की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी।

दिन में तापमान 5-6 डिग्री कम रहेगा
लगातार हो रही बारिश से दिन का तापमान औसतन कम रहेगा। अभी तापमान औसत से 5-6 डिग्री कम है। यदि बारिश का दौर जारी रहा तो दिन का तापमान इतना ही बना रहेगा। वहीं, बादल छाए रहने से धूप कम निकल रही है। इससे भी तापमान स्थिर बना रहेगा।

बांध 70% तक भरे, पेयजल संकट खत्म
प्रदेश के 70 प्रतिशत बांध लबालब हो चुके हैं। इससे कई जिलों में सिंचाई और पेयजल संकट खत्म हो गया है। इनसे 30 लाख हेक्टेयर में फसलें उगेंगी। बीसलपुर में अगले वर्ष मार्च तक के लिए पानी है। वहीं उदयपुर के फतेह सागर, राजसमंद के सोम कमला अंबा, बांसवाड़ा के माही, पाली के जवाई बांध में पर्याप्त पानी पहुंच गया है।

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10% तक ज्यादा उपज की उम्मीद
उत्पादन के सामान्य लक्ष्य से करीब 5 से 10 प्रतिशत सभी फसलों का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। प. राजस्थान में जहां मूंग, मोठ, बाजरा, तिल का रेकॉर्ड उत्पादन होगा, वहीं हाड़ौती अंचल में सोयाबीन, मक्का का उत्पादन अधिक हो सकता है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार रबी सीजन में भी फायदा होगा। प्रदेश में 163 लाख हेक्टे. खरीफ बुवाई का लक्ष्य 99.50 प्रतिशत हासिल कर लिया गया है। बाजरे का 41 लाख हेक्टे. लक्ष्य पार हो गया।

भूजल स्तर गिरावट रुकेगी
प्रदेश में हर वर्ष 1 से डेढ़ मीटर तक भूजल स्तर गिरता रहा है। अब इसमें ठहराव के साथ गुणवत्ता भी सुधरने की संभावना जताई गई है। भूजल वैज्ञानिकों का मानना है कि अभी औसतन 70 मीटर गहराई पर भूजल मिल रहा है। अब यह 67 से 68 मीटर पर मिलने की उम्मीद लगाई जा रही है। यानि, न केवल भूजल स्तर गिरने का ग्राफ घटेगा, बल्कि कई जगह इसमें वृद्धि की भी संभावना है।

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मानसून सीजन की 100% बारिश पूरी
प्रदेश में मानसून में औसतन 435.6 मिमी बारिश होती है, जबकि अब तक 458.3 मिमी वर्षा हो चुकी है। पश्चिमी राजस्थान में 365.5 मिमी बारिश हुई है। यहां पूरे सीजन में औसत 283.6 मिमी बारिश होती है। हालांकि, पूर्वी राजस्थान में सीजन का कोटा पूरा होना बाकी है। यहां 626.7 मिमी बरसात सामान्यत: होती है। अभी तक 574.8 मिमी बारिश हुई है। मानसून सीजन का करीब एक महीना शेष है और औसत बारिश का कोटा पूरा करने के लिए 51.9 मिमी बारिश और चाहिए।

करोड़ों की बिजली-सब्सिडी की बचत
सरकार 13 लाख किसानों को 4.65 रुपए प्रति यूनिट की विद्युत सब्सिडी दे रही है। जितनी ज्यादा बिजली खपत, उतना ज्यादा सब्सिडी का भार आता है। डिस्कॉम अफसरों का मानना है कि अभी करीब 60 प्रतिशत सब्सिडी राशि बचने की संभावना है। डिस्कॉम कृषि श्रेणी में सालाना 19 हजार करोड़ की बिलिंग करते हैं, लेकिन 3 हजार करोड़ कृषि उपभोक्ताओं से आते हैं। बाकी राशि सरकार सब्सिडी में वहन करती है। मानसून से पहले बाजार से 6 से 8 रुपए तक बिजली खरीदी गई। जबकि, राज्य के बिजली उत्पादन यूनिट से 4 से 5 रुपए यूनिट में ही मिलती है। फिलहाल महंगी बिजली खरीदने की नौबत नहीं।

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