मंदिरों की शिल्प कला के लिए विख्यात किराडू राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित है।
2/9
यहां के मंदिरों का निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था। किराडू को राजस्थान का खजुराहों भी कहा जाता है।
3/9
खजुराहो जैसा दर्जा पाने के बाद भी यह जगह पिछले 900 सालों से वीरान है।
4/9
दिन में जरूर यहां कुछ चहल-पहल देखी जा सकती है लेकिन सूर्यास्त होते ही यह जगह वीरान हो जाती है।
5/9
कहते हैं इस शहर पर एक साधु का श्राप है। करीब 900 सालों पहले परमार राजवंश के समय इस शहर में एक ज्ञानी साधु अपने शिष्यों के साथ यहां रहने आए।
6/9
कुछ समय रहने के बाद ये साधु देश भ्रमण पर निकले तो उन्होंने अपने साथियों को स्थानीय लोगों के सहारे छोड़ दिया।
7/9
लेकिन एक दिन अचानक उनके सारे शिष्य बीमार पड़ गए। तब एक कुम्हारिन को छोडक़र अन्य किसी भी व्यक्ति ने उनकी देखभाल नहीं की।
8/9
साधु जब वापिस आए तो उन्हें यह सब देखकर बहुत क्रोध आया और साधु ने श्राप देते हुए कहा कि जिस स्थान पर दया भाव ही नहीं है वहां मानवजाति भी नहीं होना चाहिए।
9/9
साधु ने कुम्हारिन को छोड़ सभी नगरवासियों को पत्थर बन जाने का श्राप दे दिया और उस कुम्हारिन को पीछे मुडक़र न देखने की हिदायत देते हुए सूर्यास्त से पहले यहां से चले जाने को कहा। लेकिन कुछ दूर जाने के बाद कुम्हारिन ने पीछे मुडक़र देख लिया और वह भी पत्थर की बन गई। इस श्राप के बाद इस शहर में शाम ढलने के बाद कोई रूकता और यह शहर वीरान हो जाता है।