पैतृक गांव गांव केकड़ी में शोक की लहर
चिकित्सकों के अनुसार, बड़गूजर ने देर रात करीब दो बजकर बीस मिनट पर अंतिम सांस ली। उनके निधन की सूचना मिलते ही अजमेर जिले में उनके पैतृक गांव केकड़ी में शोक की लहर छा गर्इ।
चिकित्सकों के अनुसार, बड़गूजर ने देर रात करीब दो बजकर बीस मिनट पर अंतिम सांस ली। उनके निधन की सूचना मिलते ही अजमेर जिले में उनके पैतृक गांव केकड़ी में शोक की लहर छा गर्इ।
एयरलाइंस महिलाकर्मी ने फंदा लगाकर दी जान, कस्टमर सर्विस अधिकारी थी युवती भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने गहरा शोक व्यक्त किया
बड़गूजर के निधन की सूचना मिलते ही उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने गहरा शोक व्यक्त किया। उनकी पार्थिव देह जयपुर स्थित आवास पर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया है और उनके पारिवारिक सूत्रों के अनुसार आज ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। भाजपा के प्रदेश प्रभारी अविनाश खन्ना ने उनके आवास पर जाकर श्रद्धांजलि दी।
बड़गूजर के निधन की सूचना मिलते ही उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने गहरा शोक व्यक्त किया। उनकी पार्थिव देह जयपुर स्थित आवास पर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया है और उनके पारिवारिक सूत्रों के अनुसार आज ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। भाजपा के प्रदेश प्रभारी अविनाश खन्ना ने उनके आवास पर जाकर श्रद्धांजलि दी।
इस बेटी की कहानी जान गर्व से फूल जाएगा आपका सीना, लड़कियाें काे दिया खास संदेश भैरोंसिंह शेखावत मंत्रिमंडल को समर्थन देकर बचार्इ थी सरकार
राजस्थान विधानसभा में दो बार सदस्य रहे बड़गूजर ने अजमेर जिले की केकडी से जनता दल और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और जनतादल के विभाजन के बाद उन्होंने तत्कालीन भैरोंसिंह शेखावत मंत्रिमंडल को समर्थन देकर सरकार बचार्इ थी।
राजस्थान विधानसभा में दो बार सदस्य रहे बड़गूजर ने अजमेर जिले की केकडी से जनता दल और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और जनतादल के विभाजन के बाद उन्होंने तत्कालीन भैरोंसिंह शेखावत मंत्रिमंडल को समर्थन देकर सरकार बचार्इ थी।
गरीब लाेगाें के लिए बड़ी खुशखबरी, अब दर्द आैर कष्टभरा जीवन जीने से मिलेगी मुक्ति राजनीति में आने से पूर्व एक सामान्य बुनकर थे बडगूजर खाादी बोर्ड में नवाचारों को लागू करने वाले मिलनसार और मृदूभाषी बडगूजर राजनीति में आने से पूर्व एक सामान्य बुनकर के रूप में अपना जीवन शुरू किया था।