सत्तारूढ़ भाजपा का पलड़ा भारी रहने की उम्मीद
हालांकि संख्या बल के लिहाज से देखा जाए तो सत्तारूढ़ भाजपा का पलड़ा भारी रह सकता है। प्रदेश में भाजपा के 115 विधायक हैं जबकि कांग्रेस और गठबंधन विधायकों की मौजूदा संख्या 74 है। इनमें कांग्रेस के 69, रालोपा 1, भारत आदिवासी पार्टी के 4 विधायक हैं। संख्या बल के लिहाज से यह सीट भाजपा के खाते में जा सकती है। यह भी पढ़ें – सचिन पायलट ने भाजपा पर कसा जबरदस्त तंज, सरकार के गठन पर भी कहीं बड़ी बात प्रदेश की 10 में से 6 राज्यसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा
राजस्थान की 10 राज्यसभा सीट हैं। इन में से 6 पर कांग्रेस और 4 सीटों पर भाजपा का कब्जा है। सोनिया गांधी, केसी वेणुगोपाल, नीरज डांगी, प्रमोद तिवारी, रणदीप सिंह सुरजेवाला और मुकुल वासनिक यहां से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं। इनमें नीरज डांगी को छोड़कर बाकी सभी नेता दूसरे प्रदेशों से हैं।
राजस्थान में 5 विधानसभा सीटों पर होंगे उपचुनाव
इधर कांग्रेस विधायक मुरारी लाल मीणा, बृजेंद्र ओला, हरीश मीणा के अलावा गठबंधन के सहयोगी हनुमान बेनीवाल और राजकुमार रौत के भी लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद इनकी विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस गठबंधन को अपनी सीटों पर कब्जा बरकरार रखने की भी चुनौती होगी।