bell-icon-header
जयपुर

बर्थ डे पर पूर्व मंत्री महेश जोशी की बढ़ी मुश्किलें, भजनलाल सरकार ने लिया ये निर्णय; राज्यपाल से क्या है कनेक्शन?

Rajasthan News: जल जीवन मिशन घोटाले में एसीबी ने तत्कालीन PHED मंत्री महेश जोशी, एसीएस सुबोध अग्रवाल व विभाग के कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई है। इस आधार पर इनके खिलाफ FIR दर्ज हो सकती है।

जयपुरSep 14, 2024 / 08:12 am

Lokendra Sainger

JJM Scam: जल जीवन मिशन (JJM) में तत्कालीन सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है। एसीबी ने कुछ माह पहले दर्ज प्राथमिक जांच रिपोर्ट में तत्कालीन पीएचईडी मंत्री महेश जोशी (Former minister Mahesh Joshi), एसीएस सुबोध अग्रवाल व विभाग के कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई है। इस आधार पर इनके खिलाफ एफआईआर (FIR) की अनुमति के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है।

राज्यपाल ने जारी की मंजूरी

महेश जोशी के खिलाफ राज्यपाल ने अनुमति जारी कर दी है। वहीं, पीएचईडी ने सात अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की अनुमति देते हुए फाइल सरकार को भेज दी है। एसीएस सुबोध अग्रवाल और कुछ अन्य अधिकारियों का मामला डीओपी (कार्मिक विभाग) और पीएचईडी विभाग (जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी) के पास लम्बित है।
यह भी पढ़ें

अलवर के रामगढ़ से कांग्रेस विधायक ज़ुबैर खान का निधन, लंबे समय थे बीमार; प्रदेश में शोक की लहर

प्राथमिक जांच में भूमिका संदिग्ध मानी

एसीबी ने जल जीवन मिशन में करोड़ों के भुगतान में हुई कथित गड़बड़ी को लेकर एक प्राथमिकी जांच रिपोर्ट 6/2024 दर्ज की थी। इसकी जांच में पाया कि ठेकेदार पदम चंद जैन व महेश मित्तल की फर्म ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र पेश कर ठेके लिए थे। फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र की जानकारी विभाग को मिल गई थी।
यह भी पढ़ें

किरोड़ीलाल मीणा ने CM भजनलाल से की मांग, बोले- ‘तत्काल रद्द हो ये भर्ती परीक्षा, नहीं तो…’

इसकी शिकायत परिवाद व ई-मेल के जरिए विभाग को मिल गई थी। जिस संस्था का प्रमाण पत्र पेश किया गया था, उस संस्था ने भी अधिकारिक तौर पर सूचना दी थी कि विभाग में पेश प्रमाण पत्र फर्जी है। इसके बाद भी विभाग ने व उच्च स्तर ने समय पर जांच का निर्णय नहीं लिया। देर से जांच कराई गई, जिसकी रिपोर्ट भी संदेहास्पद थी। इस बीच करोड़ों के भुगतान भी कर दिए गए।

कार्मिक विभाग ने मांगी टिप्पणी

एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी के लिए एसीबी ने महेश जोशी की फाइल राज्यपाल को भेजी थी। यह राज्यपाल की मंजूरी के बाद सरकार के माध्यम से एसीबी भेजी दी गई। वहीं सुबोध अग्रवाल व अन्य की फाइल डीओपी व पीएचईडी को भेजी गई। पीएचईडी ने पांच अधिकारियों के नाम पर मनाही कर दी तथा सात अधिकारियों के खिलाफ अनुमति दे दी। अन्तिम निर्णय के लिए फाइल सरकार को भेजी गई है।
यह भी पढ़ें

‘सरकार में जल्द हो गया बिखराव…’, गहलोत के गढ़ में सचिन पायलट का प्रहार; विश्नोई समाज से की ये अपील

वहीं, एसीएस सुबोध अग्रवाल व छह और अधिकारियों का मामला डीओपी व पीएचईडी के पास अभी लम्बित है। पीएचईडी से इनके बारे में टिप्पणी मांगी गई है। सभी के खिलाफ अन्तिम निर्णय होने के बाद भी एफआईआर दर्ज की जाएगी।

एसीबी ने खोला था भ्रष्टाचार

जेजेएम में भ्रष्टाचार एसीबी ने ही गत वर्ष खोला था, जब ठेकेदार पदमचंद जैन के ठिकाने पर दबिश देकर पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद ईडी ने भी मामला दर्ज कर कई गिरफ्तारियां की थीं। फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के मामले में विभाग ने ही बजाज नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसको लेकर सीबीआई ने भी मामला दर्ज किया है। इसके बाद अब चौथा मामला एसीबी में चल रहा है।
यह भी पढ़ें

खींवसर में ‘हनुमान’ का गढ़ ढहाने के लिए भाजपा-कांग्रेस ने कसी कमर, ये दावेदार देंगे टक्कर!

Hindi News / Jaipur / बर्थ डे पर पूर्व मंत्री महेश जोशी की बढ़ी मुश्किलें, भजनलाल सरकार ने लिया ये निर्णय; राज्यपाल से क्या है कनेक्शन?

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.