चिकित्सकों का कहना है कि हाड़ कंपाती सर्दी से बचकर रहे। शरीर को पूरी तरह से ढककर रखे। सवाई मानसिंह अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अजीत सिंह ने बताया कि सर्दी में अस्थमा, सीओपीडी के मरीज पहले ओपीडी में 100 मरीज आते थे, जो बढ़कर 150 से 200 हो गए हैं।
कोहरे से धुएं के कण सतह पर जमे अस्थमा भवन के डायरेक्टर डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि इस मौसम में अस्थमा, सीओपीडी के मरीज हाइ रिस्क पर रहते हैं। सर्दी के कारण वाहनों से निकले धुएं के कण जमीन की सतह पर ही जम जाते हैं। ऐसे में मर्ॉिनंग वॉक करने वाले अस्थमेटिक मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है। अस्थमा और सीओपीडी से अटैक की संख्या सर्दी में 20 से 30 प्रतिशत बढ़ गई है।
एक दिन में आए 1252 बच्चे जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता ने बताया कि सर्दी-जुकाम, अस्थमा के मरीज बढ़ गए हैं। एक दिन में 1252 मरीजों की ओपीडी रही। इनमें सर्दी-जुकाम के 202, निमोनिया के 55, उल्टी-दस्त के 29, बुखार के 242, अस्थमा के 48 मरीज आए।
यह रखें ध्यान- अस्थमा के मरीज नाक और गले पर मफलर लगा कर रखें।- मोटी जुराबें पहनकर रहें।- अस्थमा और सीओपीडी के मरीज दवाओं को मिस न करें।- तापमान बढऩे पर ही घर से बाहर निकलें- वसा युक्त खाना खाएं- नियमित कसरत करें।- कमरा गर्म रखें।