दरअसल, प्रदेश में जयपुर, उदयपुर, बीकानेर, जोधपुर और जैलसमेर एयरपोर्ट से फ्लाइट का संचालन हो रहा है लेकिन जयपुर के अलावा दूसरे किसी एयरपोर्ट से राज्य के भीतरी हवाई सेवा नहीं है। यानी वहां से राज्य के दूसरे शहरों के लिए कोई भी फ्लाइट नहीं है। जयपुर की बात करें तो, जयपुर से उदयपुर, जोधपुर की फ्लाइट सालभर संचालित होती है और उनकी संख्या भी नाममात्र है।
हालांकि जयपुर से जैसलमेर के बीच केवल पर्यटन सीजन में ही हवाई सेवा संचालित होती है। इसी तरह किशनगढ़ से जयपुर के बीच कोई फ्लाइट संचालित नहीं होती है। ऐेसे ही बीकानेर से भी जयपुर के लिए वर्तमान में कोई फ्लाइट संचालित नहीं होती है।
सैलानी घंटों सफर करने को मजबूर
-प्रदेश में जयपुर ही एकमात्र इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। यहां पर छह देशों से इंटरनेशनल फ्लाइट संचालित होती है। उनमें काफी संख्या में विदेशी सैलानी आते हैं, जो जयपुर के अलावा बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर, अजमेर या उदयपुर घूमने जाते हैं। बीकानेर या जैसलमेर जाने वाले ज्यादातर सैलानियों को यहां से सडक़ या ट्रेन की यात्रा करनी पड़ती है।
एयरलाइन कंपनियों की मनमानी से मुश्किल
पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि एयरलाइन कंपनियों की मनमानी के कारण ऐसा हो रहा है। वो जैलसमेर, जोधपुर, उदयपुर की कई फ्लाइट को शिड्यूल में शामिल कर लेती है फिर सीजन के अनुसार उनका संचालन करती हैं। यह भी सामने आया कि वो इन एयरपोर्ट से इंट्रा स्टेट की बजाय महानगरों के लिए फ्लाइट संचालित करने में ज्यादा रूचि दिखाती हैं।