scriptचौंकाने वाली रिपोर्ट: राजस्थान पर कर्ज का आंकड़ा 6 लाख करोड़ पार, हर नागरिक पर 72,825 रुपए का कर्ज | Rajasthan is getting crushed under the burden of debt, the debt on the entire state has crossed the figure of 6 lakh crores | Patrika News
जयपुर

चौंकाने वाली रिपोर्ट: राजस्थान पर कर्ज का आंकड़ा 6 लाख करोड़ पार, हर नागरिक पर 72,825 रुपए का कर्ज

Rajasthan debt crisis: वर्तमान वित्तीय वर्ष में अप्रेल से सितंबर 2024 तक के सरकार की ओर से जारी आंकड़े बताते हैं कि कर्ज का यह स्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है।

जयपुरDec 18, 2024 / 11:44 am

rajesh dixit

Bhajanlal Sharma
जयपुर। राजस्थान के लिए एक चिंताजनक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें राज्य पर कर्ज का भार और बढ़कर अब 6 लाख 8 हज़ार 813 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। मार्च 2024 तक यह आंकड़ा ₹5.70 लाख करोड़ था, लेकिन अब एफआरबीएम (राजस्थान फिस्कल रेस्पोंसबिलिटी एंड बजट मैनेजमेंट) रिपोर्ट के अनुसार, इस कर्ज में बड़ी बढ़ोतरी हुई है।

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वर्तमान वित्तीय वर्ष में अप्रेल से सितंबर 2024 तक के सरकार की ओर से जारी आंकड़े बताते हैं कि कर्ज का यह स्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है। राजस्थान की जनसंख्या 8.36 करोड़ है, और इस हिसाब से हर व्यक्ति पर कर्ज का बोझ 72,825 रुपए पहुंच गया है। राज्य सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य के कर्ज में करीब 70 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया था। यह आंकड़ा सरकार की नीतियों और योजनाओं पर बढ़ती आलोचना का कारण बन रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ते कर्ज का सबसे बड़ा असर ब्याज भुगतान पर पड़ेगा, जिससे सरकार को विकास योजनाओं के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने में मुश्किलें आ सकती हैं। इसके अलावा, कर्ज बढ़ने से यह भी संभावना है कि सरकार को टैक्स बढ़ाकर जनता से अतिरिक्त राजस्व जुटाना पड़े।

छह माह में बढ़ा 38 हजार करोड़

एफआरबीएम की जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि राजस्थान सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष की प्रथम छमाही में करीब 38 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है।इस हिसाब से सरकार पर हर माह औसतन छह हजार करोड़ से अ​धिक का कर्ज बढ़ा है। यह कर्ज राज्य सरकार की ओर से वर्तमान वित्तीय वर्ष में साल भर के लिए निर्धारित फिस्कल डेफिसिट व रेवेन्यू डेफिसिट के मुकाबले छह माह में ही लगभग दुगना हो गया है।
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टार्गेट से पीछे टैक्स कलेक्शन

वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में राज्य के टैक्स कलेक्शन भी टार्गेट से पीछे रहा है। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में राजस्व का लक्ष्य 1.25 लाख करोड़ रुपए निर्धारित किया है। इसके मुकाबले प्रथम छमाही में 48,459 करोड़ रुपए का राजस्व सरकार को प्राप्त हुआ है, जो कि तय लक्ष्य का पचास फीसदी भी नहीं है। हालांकि यह राजस्व गत वित्तीय वर्ष के मुकाबले करीब छह फीसदी अ​धिक बताया जा रहा है। इसमें भी स्टेट जीएसटी का शेयर निर्धारित लक्ष्य 55 हजार करोड़ के मुकाबले 18 हजार करोड़ के करीब ही रहा है।

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