सोशल मीडिया पर अक्सर विवादों में रहने वाले राजस्थान कैडर के सीनियर IAS और आयुक्त विभागीय जांच संजय दीक्षित फिर विवादों में हैं। वे ईद के फर्जी नोटिफिकेशन पर ट्वीट कर कानूनी उलझन में फंस गए हैं। कोलकाता पुलिस ने पश्चिम बंगाल को इस्लामिक राज्य करार देने तथा राज्य सरकार पर आपत्तिजनक ट्वीट करने के मामले में संजय को नोटिस जारी किया है।
कोलकाता के संयुक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम) प्रवीण त्रिपाठी ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया कि संजय दीक्षित को 29 जून तक कोलकाता पुलिस मुख्यालय में पूछताछ के लिए हाजिर होना पड़ेगा। पश्चिम बंगाल सरकार के नाम पर ईद की 5 दिनों की छुट्टी का फर्जी नोटिफिकेशन व्हाट्सएप पर वायरल हुआ था। इस पोस्ट को हजारों लोगों ने शेयर किया था और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए टिप्पणी की थी।
किया था विवादित ट्वीट
संजय दीक्षित ने पश्चिम बंगाल को इस पर विवादित ट्वीट किया था। इस पर बड़ी संख्या में लोगों ने रिट्वीट किया। हालांकि बाद में उन्होंने इसे अपने अकाउंट से इसे हटा दिया था। इसके बाद वे कोलकाता पुलिस के रडार पर हैं। संजय ट्वीटर पर काफी सक्रिय हैं। उनके 47 हजार से अधिक फॉलोवर हैं।
संजय दीक्षित ने पश्चिम बंगाल को इस पर विवादित ट्वीट किया था। इस पर बड़ी संख्या में लोगों ने रिट्वीट किया। हालांकि बाद में उन्होंने इसे अपने अकाउंट से इसे हटा दिया था। इसके बाद वे कोलकाता पुलिस के रडार पर हैं। संजय ट्वीटर पर काफी सक्रिय हैं। उनके 47 हजार से अधिक फॉलोवर हैं।
कई बार विवादों में रह चुके हैं आईएएस दीक्षित
आइएएस दीक्षित पहले भी कई बार विवादों में रह चुके हैं। उन्हें एक राजनीतिक दल विशेष का समर्थक और सोशल साइट ट्विटर पर इस्लाम विरोधी ट्वीट्स के लिए जाना जाता है। साल 2016 में दीक्षित और ख्यातनाम विज्ञान इतिहासकार सैयद इरफान हबीब के बीच सोशल साइट ट्विटर पर जुबानी जंग चर्चा में रही थी। तकरार की शुरुआत सैयद इरफान हबीब के उस ट्वीट से हुई, जिसमें उन्होंने लिखा था, इसका कोई अर्थ नहीं बनता, मुसलमान ज्यादातर मुसलमानों को ही मार रहे हैं, सिर्फ काफिरों को नहीं। इसके जवाब में संजय दीक्षित ने लिखा, हबीब साहब! इससे ऐसा लग रहा है कि आपको पछतावा है कि वे सिर्फ काफिरों को नहीं मार रहे हैं। साफ झलक रहा है कि आपकी जुबान फिसल गई है। इसके जवाब में हबीब ने लिखा था, आपने बिल्कुल सही पकड़ा है। मैं चाहता हूं कि वे काफिरों को मार दें। मेरे ऊपर ऐसा शर्मनाक आरोप लगाते शर्म नहीं आई? और आप एक आईएएस हैं। इसके बाद इरफान ने ट्वीट डिलीट कर दिया। उस वाकये पर संजय दीक्षित ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा था कि मैंने तो सिर्फ आपकी जुबान फिसलने का इशारा किया था।
आइएएस दीक्षित पहले भी कई बार विवादों में रह चुके हैं। उन्हें एक राजनीतिक दल विशेष का समर्थक और सोशल साइट ट्विटर पर इस्लाम विरोधी ट्वीट्स के लिए जाना जाता है। साल 2016 में दीक्षित और ख्यातनाम विज्ञान इतिहासकार सैयद इरफान हबीब के बीच सोशल साइट ट्विटर पर जुबानी जंग चर्चा में रही थी। तकरार की शुरुआत सैयद इरफान हबीब के उस ट्वीट से हुई, जिसमें उन्होंने लिखा था, इसका कोई अर्थ नहीं बनता, मुसलमान ज्यादातर मुसलमानों को ही मार रहे हैं, सिर्फ काफिरों को नहीं। इसके जवाब में संजय दीक्षित ने लिखा, हबीब साहब! इससे ऐसा लग रहा है कि आपको पछतावा है कि वे सिर्फ काफिरों को नहीं मार रहे हैं। साफ झलक रहा है कि आपकी जुबान फिसल गई है। इसके जवाब में हबीब ने लिखा था, आपने बिल्कुल सही पकड़ा है। मैं चाहता हूं कि वे काफिरों को मार दें। मेरे ऊपर ऐसा शर्मनाक आरोप लगाते शर्म नहीं आई? और आप एक आईएएस हैं। इसके बाद इरफान ने ट्वीट डिलीट कर दिया। उस वाकये पर संजय दीक्षित ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा था कि मैंने तो सिर्फ आपकी जुबान फिसलने का इशारा किया था।
वहीं साल 2016 में ही दीक्षित का ट्विटर पोल भी चर्चाओं में रहा। उन्होंने पोल में सवाल किया- ”क्या पाकिस्तान से परमाणु युद्ध के लिए तैयार हैं?” पोल में दो ऑप्शन दिए गए, ”हां हम तैयार हैं” और ”नहीं ज़िन्दगी काफी कीमती है ”। इन मामलों के अलावा भी दीक्षित के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विवादित पोस्ट्स की फहरिस्त लम्बी चौड़ी है।