जयपुर

सरकारी स्कूलों में प्रॉक्सी शिक्षकों पर दिखाएं सख्ती, राजस्थान हाईकोर्ट ने चेताया – नहीं तो अवमानना की सजा को तैयार रहें

Rajasthan High Court Warns : सरकारी स्कूलों में प्रॉक्सी शिक्षकों को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई। हाईकोर्ट ने चेताया कि इसे रोकने के लिए कड़े कदम नहीं उठाएं तो दोषी अधिकारियों को अवमानना की सजा से दंडित किया जाएगा।

जयपुरAug 01, 2024 / 03:07 pm

Sanjay Kumar Srivastava

File Photo

Rajasthan High Court Warns : राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की जगह दूसरे व्यक्तियों (प्रॉक्सी) के पढ़ाई कराने की शिकायतों को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने प्रॉक्सी शिक्षक प्रथा को बर्दाश्त नहीं करने का संकेत देते हुए चेतावनी दी कि इसे रोकने के लिए कड़े कदम नहीं उठाए तो दोषी अधिकारियों को अवमानना की सजा से दंडित किया जाएगा। कोर्ट ने आदेश की पालना कराने की जिम्मेदारी मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग के सचिव तथा माध्यमिक व प्राथमिक शिक्षा निदेशकों को सौंपी है। साथ ही, 7 अक्टूबर तक पालना रिपोर्ट मांगी है।

मंजू गर्ग की याचिका को खारिज

न्यायाधीश अनूप कुमार ढंड ने मंजू गर्ग की याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश दिया। याचिका में कहा था कि वह बारां जिले के राजपुरा स्थित प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत थी और बीमारी के कारण अवकाश पर थी। विभाग ने प्रॉक्सी शिक्षक मानते हुए निलंबित कर मुख्यालय छीपाबड़ोद से बीकानेर कर दिया, जो गलत है। सरकार की ओर अतिरिक्त राजकीय अधिवक्ता जी के शर्मा ने कहा कि कोर्ट चार्जशीट रद्द नहीं कर सकता। कुछ डमी शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
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राजस्थान हाईकोर्ट ने यह दिए निर्देश

1- सरकारी स्कूलों में नियमित जांच के लिए लाइंग दस्ता गठित हों।
2- प्रॉक्सी शिक्षक मिले तो अनुपस्थित शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए।
3- शिक्षा विभाग शिक्षकों के फोटो सार्वजनिक करें।
4- अधिकारी हर तिमाही मार्च, जून, सितबर व दिसबर में रिपोर्ट पेश कर बताएं कि क्या कार्रवाई की गई?
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