शादाब अहमद. देश में एक्सप्रेस वे, आठ लेन, सिक्स लेन, फोरलेन हाईवे के निर्माण से आवागमन सहज और सुविधाजनक हुआ है लेकिन जगह-जगह टोलवसूली लोगों को उतना ही ‘दर्द’ भी दे रही है। हाईवे पर वाहनों की रफ्तार के साथ नए टोल नाके भी खुलते जा रहे हैं। देश के नेशनल हाईवेज पर इस वक्त 983 टोल वसूली नाके चल रहे हैं। इनमें सर्वाधिक 142 नाके राजस्थान में हैं और टोल टैक्स चुकाने के मामले में भी राजस्थान टॉप पर है। केरल में मात्र नौ टोल नाके हैं। दिलचस्प (या हैरानी) यह भी है कि 983 टोल नाकों में से 457 नाके पिछले पांच साल में चालू हुए हैं। नए टोल नाके खुलने के मामले में भी राजस्थान आगे है।
बिना रुके टोल वसूली अभी दूर की कौड़ी
केंद्र सरकार ने टोल नाकों पर बिना रुके ऑटोमैटिक टोल वसूली की योजना बनाई है लेकिन इसे सब जगह लागू करना अभी दूर की कौड़ी है। नेशनल हाईवे के कुछ हिस्सों पर ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में फिलहाल कर्नाटक के बेंगलूरु-मैसूर हाइवे और हरियाणा के पानीपत-हिसार रूट पर परीक्षण किया गया है।
5 साल में राजस्थान से 22000 करोड़ वसूले
राजस्थान में टोल वसूली की राशि साल-दर साल बढ़ रही है। जहां 2019 में यह राशि 3619 करोड़ रुपए थी, वहीं 2023-24 में बढ़कर 5954 करोड़ पर पहुंच गई। पांच साल में राजस्थान के टोल नाकों पर वाहनों से करीब 22097 करोड़ रुपए वसूले गए हैं। मध्यप्रदेश में टोल वसूली 2019 के 1809 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 3766 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। यहां पांच साल में 13236 करोड़ रुपए की वसूली हुई है।
अजमेर-दिल्ली हाईवे कर रहा मालामाल
अजमेर-दिल्ली हाईवे पर भले ही वाहन चालक लंबे-लंबे जाम से परेशान होते हो, लेकिन कमाई के मामले में इसके दो टोल नाकों (शाहजहांपुर एवं ठीकरिया) ने रेकॉर्ड तोड़ रखा है। पिछले पांच साल में इन दोनों नाकों से करीब 3000 करोड़ रुपए टोल टैक्स वसूला गया। इसके बाद गुजरात का भरथाना टोल नाका है, जहां 2043.80 करोड़ रुपए वसूले हैं।