तत्काल राहत के लिए जरूरी
दरअसल, गुर्जर आंदोलन हो या बाढ़ से बचाव का अभियान या फिर सुरक्षा संबंधी मामला, हर मौके पर सरकार को मुख्यमंत्री व अधिकारियों को मौके पर पहुंचाने सहित तत्काल राहत के लिए हेलिकॉप्टर की आवश्यकता होती है।
दरअसल, गुर्जर आंदोलन हो या बाढ़ से बचाव का अभियान या फिर सुरक्षा संबंधी मामला, हर मौके पर सरकार को मुख्यमंत्री व अधिकारियों को मौके पर पहुंचाने सहित तत्काल राहत के लिए हेलिकॉप्टर की आवश्यकता होती है।
सेना का हेलिकॉप्टर पहली पसंद
सरकार का हैलीकॉप्टर नहीं होने के कारण किराए के हैलीकॉप्टर मंगवाए जाते हैं और इसमें भी अधिकारियों की पहली पसंद वायुसेना का हैलीकॉप्टर ही होता है। गुर्जर आंदोलन के दौरान हेलीकॉप्टर किराए पर लेने के कारण वायुसेना ने राज्य सरकार को 23.99 लाख के बिल भेजे थे।
सरकार का हैलीकॉप्टर नहीं होने के कारण किराए के हैलीकॉप्टर मंगवाए जाते हैं और इसमें भी अधिकारियों की पहली पसंद वायुसेना का हैलीकॉप्टर ही होता है। गुर्जर आंदोलन के दौरान हेलीकॉप्टर किराए पर लेने के कारण वायुसेना ने राज्य सरकार को 23.99 लाख के बिल भेजे थे।
गुर्जर आंदोलन के दौरान मांगा था किराया
बिल का भुगतान नहीं हुआ तो रक्षा मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर नाराजगी जताई और इसे गंभीर लापरवाही बताकर 18 जून को संयुक्त सचिव एयर की अध्यक्षता में बैठक बुलाई थी। राज्य सरकार ने बैठक से एक दिन पहले बिल का भुगतान कर दिया और बैठक में शामिल होने से छूट मांग ली।
बिल का भुगतान नहीं हुआ तो रक्षा मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर नाराजगी जताई और इसे गंभीर लापरवाही बताकर 18 जून को संयुक्त सचिव एयर की अध्यक्षता में बैठक बुलाई थी। राज्य सरकार ने बैठक से एक दिन पहले बिल का भुगतान कर दिया और बैठक में शामिल होने से छूट मांग ली।
बैठक से छूट लेकिन साढ़े पांच करोड़ का बिल
इसके बाद से ही गृह विभाग के अधिकारी-कर्मचारी बैठक में नहीं जाने की बात से प्रसन्न हो रहे थे लेकिन, कुछ ही दिन बाद मुख्य सचिव के पास रक्षा मंत्रालय के निदेशक एयर अभय कुमार सिंह का फरमान आ गया। सिंह ने पत्र में 18 जून को हुई संयुक्त सचिव एयर की बैठक का हवाला देकर बकाया भुगतान देने की मांग की। रक्षा मंत्रालय ने राजस्थान पर करीब एक दर्जन एयर लिफ्ट के किराए के साढ़े पांच करोड़ रुपए का बकाया निकाल दिया। यह बकाया कांग्रेस-भाजपा दोनों ही सरकारों के समय के हैं।
इसके बाद से ही गृह विभाग के अधिकारी-कर्मचारी बैठक में नहीं जाने की बात से प्रसन्न हो रहे थे लेकिन, कुछ ही दिन बाद मुख्य सचिव के पास रक्षा मंत्रालय के निदेशक एयर अभय कुमार सिंह का फरमान आ गया। सिंह ने पत्र में 18 जून को हुई संयुक्त सचिव एयर की बैठक का हवाला देकर बकाया भुगतान देने की मांग की। रक्षा मंत्रालय ने राजस्थान पर करीब एक दर्जन एयर लिफ्ट के किराए के साढ़े पांच करोड़ रुपए का बकाया निकाल दिया। यह बकाया कांग्रेस-भाजपा दोनों ही सरकारों के समय के हैं।
कब-कब किराए पर लिए हेलिकॉप्टर का बिल बकाया 1.एमआई-8 : 1 मार्च 1997 जामनगर-जयपुर-भरतपुर-कामां — बाढ़ सहायता — 7,37, 827 रुपए 2. एमआई-8 : जोधपुर से सारसावा — बाढ़ सहायता — 1,66,667 रुपए
3. एमआई-8 : 12 जनवरी, 2003 नाल गेयरा— सुरक्षा — 1,72,000रुपए 4. एमआई-8 : जोधपुर-जयपुर — कम्यूनिकेशन ड्यूटी — 52,556 रुपए 5. एमआई-8- 5 अगस्त, 2009 जयपुर टोंक-दौसा उदयपुर— सुरक्षा— 23,40,500 रुपए
6. एएलएच 31 : 27 जुलाई, 2015 जोधपुर-भीनमाल- नोर— बाढ़ सहायता— 30,16,000 रुपए 7.एएलएच 31 : 31 जुलाई, 2015 जोधपुर-हनुमानगढ़-सांचोर— सुरक्षा 1,18,32,000 रुपए 8.एमआई 17 : 15 से 17 अप्रेल, 2017 जामनगर-आबूरोड-जोधपुर फायर फाइटिंग— 79, 00, 750 रुपए
9 . एमआई 17 : 14 से 20 अप्रेल, 2017 माउंट आबू, आबूरोड फलौदी-कोटा फायर फाइटिंग — 1, 32, 66, 500 रुपए 10 . एमआई 17 : 18 से 30 मार्च, 2017 जामनगर-उदयपुर-लेक-आर्मी —फायर फाइटिंग— 35,78, 667 रुपए
11. एमआई 17 : 24 जुलाई से 31 अगस्त, 2017 जोधपुर-जालोर-रानीवाड़ा जोधपुर—एचएडीआर — 82,1100 रुपए 12. एमआई 17 : 31 जुलाई से 2 अगस्त, 2017-फलौदी-जोधपुर-जालोर-चितवाना-जालोर—बाढ़ राहत — 30, 84, 250 रुपए