जयपुर

राजकीय विभागों को भूमि आवंटन कर सकेंगे निकाय, भूमि आवंटन नीति में किया संशोधन

नगरीय विकास विभाग ने भूमि आवंटन नीति—2015 में संशोधन करते हुए राजकीय विभागों को निर्धारित सीमा तक भूमि आवंटन के अधिकार निकायों को दिए हैं। इन मामलों को अब मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

जयपुरJul 05, 2021 / 09:13 pm

Umesh Sharma

राजकीय विभागों को भूमि आवंटन कर सकेंगे निकाय, भूमि आवंटन नीति में किया संशोधन

जयपुर।
नगरीय विकास विभाग ने भूमि आवंटन नीति—2015 में संशोधन करते हुए राजकीय विभागों को निर्धारित सीमा तक भूमि आवंटन के अधिकार निकायों को दिए हैं। इन मामलों को अब मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
विभाग के आदेश के मुताबिक अब प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को संभाग मुख्यालय तक 2 हजार और अन्य स्थानों पर 3 हजार वर्गमीटर तक भूमि का आवंटन निकाय स्तर पर ही किया जा सकेगा। इसी तरह माध्यम और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को संभागीय मुख्यालय पर 4 हजार और अन्य स्थानों पर 6 हजार वर्गमीटर भूमि का आवंटन स्थानीय स्तर पर किया जा सकेगा। महाविद्यालय (सामान्य, तकनीकी, पॉलिटेक्निक, चिकित्सा, आईटीआई सहित) को भी संभागीय मुख्यालय पर 10 हजार और अन्य स्थानों पर 13 हजार वर्गमीटर भूमि का आवंटन निकाय स्तर पर किया सकेगा। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा पोषित मंडल, निगम, उपक्रम को आरक्षित दर से कम दर (50 प्रतिशत से कम नहीं) पर आवंटन निकाय कर सकेंगे। ऐसे मामले भी सरकार के पास भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
ये भूमि भी आवंटित कर सकेंगे निकाय

—जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग व अन्य राजकीय विभागों को उनके कार्यालय, इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 हजार वर्गमीटर तक

—प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए 4 हजार वर्गमीटर तक
—उप स्वास्थ्य भवन के लिए 5 वर्गमीटर तक

—पुलिस थाना के लिए 2 हजार वर्गमीटर तक

—पुलिस चौकी के लिए 500 वर्गमीटर तक

—अन्य ग्राम या ग्राम पंचायत स्तरीय कार्यालय के लिए 500 वर्गमीटर तक
—अन्य तहसील या पंचायत समिति स्तरीय कार्यालय के लिए 4 हजार वर्गमीटर तक

—अन्य उपखंड स्तरीय एवं जिला स्तरीय कार्यालय के लिए 5 हजार वर्गमीटर तक

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