कोरोना COVID 19 संक्रमण के लॉक डाउन के दौरान कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। मौके का फायदा उठाकर महंगे दामों में खाद्य वस्तुओं की कालाबाजारी के मामले में सरकार ने पिछले सप्ताह प्रदेश भर में 732 प्रकरण दर्ज कर 446 के विरुद्ध कार्रवाई की है। वहीं लॉकडाउन के उल्लंघन कर व्यापारिक संस्थान खोलने के 50 मामले दर्जकर 34 में कार्रवाई की जा चुकी है और शेष मामलों में जांच की जा रही है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन उल्लंघन और कालाबाजारी की समस्या को लेकर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके बाद कुछ लोगों ने संक्रमण के खतरे में भी कुछ लोग जनता की तकलीफ़ बढ़ा रहे हैं। जिसके चलते सरकार को कार्रवाई करनी पड़ी है।
सरकार द्वारा 24 से 29 मार्च के दरम्यान आवश्यक वस्तुओं की कमी के 585 मामलों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की गई और 1381 स्थानों पर जरूरतमंद लोगों को खाने पीने का सामान उपलब्ध कराया गया। ऐसे ही चिकित्सीय सामान की कमी की 63 शिकायतों का भी निराकरण किया गया है। इसी तरह कानून व्यवस्था, प्रवासी नागरिकों के पलायन और अन्य के कुल 99 मामलों में कार्रवाई की गई है।
संकट की घड़ी में कालाबाजारी करना महापाप परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने खाद्य वस्तुओं की कालाबाजारी को महापाप करार देते हुए कहा कि अगर कोई ऐसा करेगा तो उसे जेल भेजा जाएगा। लॉक डाउन के दौरान लोगों ने खाचरियावास को दुकानदारों द्वारा तय रेट से ज्यादा राशि वसूलने की शिकायतें की थी। खाचरियावास ने कहा कि जयपुर सहित पूरे प्रदेश में इस तरह की शिकायतें आ रही हैं कि तय कीमत से ज्यादा वस्तुओं की दरें दुकानदारों द्वारा ली जा रही है ऐसे समय में कालाबाजारी करके जो पैसा कमाएगा वह उसके काम आने वाला नहीं है और यह गैरकानूनी भी है।