इसमें विकास कार्यों की गुणवत्ता और अनुबंधित फर्म की जिम्मेदारी के लिए एक समान नियम होंगे। डीएलपी 6 माह से 5 वर्ष तक रहेगी। 10 लाख रुपए से अधिक लागत के कार्यों पर यह लागू होगा। सड़कों के पेच रिपेयर में यह नियम लागू नहीं होगा। नगरीय विकास एवं आवासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। अभी तक हर निकाय ने अपने-अपने नियम बनाए हुए हैं।
लागत कम या बढ़ने पर यह होगा
यदि कार्य दस लाख रुपए से कम का है, लेकिन अतिरिक्त कार्य के कारण उसकी लागत दस लाख रुपए से अधिक हो जाती है तो उस पूरे काम पर डीएलपी का नियम लागू होगा। यदि कार्य दस लाख रुपए से अधिक का था, लेकिन काम पूरा होते समय किसी कारणवश उसकी लागत दस लाख रुपए से कम रह जाती है तो डीएलपी का नियम काम पूरा होने के बाद छह महीने तक या मानसून तक, दोनों में जो भी भी बाद में उस अवधि तक लागू रहेगा।इस तरह तय की सुधार की मियाद…
फ्लाईओवर, आरओबी 5 वर्षक्रॉस ड्रेनेज वर्क,सीमेंट कंक्रीट सड़क, पेवमेंट क्वलिटी कंक्रीट, सीमेंट कंक्रीट टाइल्स, कर्ब स्टोन, मीडियन व नाला निर्माण 5 वर्ष
टू लेयर डब्ल्यूबीएम, जीएसबी सड़क निर्माण 6 माह या मानूसन तक (दोनों में से जो अवधि बाद में हो)
सड़क नवीनीकरण, 30 एमएम मोटाई की डामर सड़क 2 वर्ष
30 से लेकर 90 एममए मोटाई वाली डामर सड़क 3 वर्ष
चारदिवारी निर्माण कार्य 3 वर्ष
90 एमएम से अधिक मोटाई वाली सड़क संबंधी कार्य 5 वर्ष
90 एमएम तक की मोटाई वाली नई डामर सड़क 3 वर्ष
90 एमएम से अधिक मोटाई वाली नई डामर सड़क 5 वर्ष
सैनेट्री, विद्युत व पेंटिंग कार्य 3 वर्ष
भवन निर्माण-अन्य सिविल कार्य 5 वर्ष
जिनका रखरखाव का अनुबंध नहीं हैं, उनके विद्युत संबंधी कार्य 3 वर्ष
सीवर कार्य व पेयजल आपूर्ति संबंधी कार्य 3 वर्ष