बिजली कंपनियों में ओपीएस के लिए जमा कर्मचारियों का पैसा उनके ट्रस्ट के पास है और ट्रस्ट ही ओपीएस को लेकर पत्राचार की जिम्मेदारी संभाल रहा है। हाल ही ट्रस्ट ने
राजस्थान सरकार के पास प्रस्ताव भिजवाया है, जिसमें कहा है कि ओपीएस शुरू होने पर ट्रस्ट को यदि घाटा होता तो उसकी भरपाई की आवश्यकता होने पर सरकार गारंटर की भूमिका अदा करने का आश्वासन दे।
साथ ही, बिजली कंपनियों के लिए ओपीएस लागू करने की अधिसूचना जारी करे, ताकि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पास जमा राशि वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जा सके। राजस्थान पर्यटन विकास निगम में भी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से पैसा वापस लाने की प्रक्रिया शुरू नहीं होने से ओपीएस अटकी हुई है। कर्मचारियों में सबसे अधिक संख्या बिजली कंपनियों व पर्यटन विकास निगम कर्मियों की ही है।
सेवानिवृत्ति कर्मचारी का मामला…
झुंझुनूं निवासी एक सेवानिवृत्त कर्मचारी परमानंद शर्मा की ओर से उनके बेटे दिनेश शर्मा ने कहा है कि उनके पिताजी ने 30 जून 2005 को सेवानिवृत्ति ली थी। सेवानिवृत्ति के समय मिली राशि अब खर्च हो चुकी। उनके जैसे कई पूर्व कर्मचारी हैं, जिन्होंने बैंक से ऋण लेकर ओपीएस के लिए राशि जमा कराई।
इसके बावजूद ओपीएस का लाभ नहीं मिलने से उन्हें बैंक का कर्ज लौटाने की चिंता सताने लगी है। राजस्थान राज्य गंगानगर शुगर मिल्स के कुछ कर्मचारियों को भी ओपीएस का लाभ नहीं मिला है।
तो वापस ले सकते हैं पैसा
उधर, राज्य भंडार व्यवस्था निगम के बोर्ड ने निर्णय किया है कि निगम की आर्थिक स्थिति अच्छी होने पर ओपीएस का लाभ दिया जाएगा, तब तक कोई कर्मचारी इंतजार नहीं करना चाहे तो वह अपना पैसा वापस ले सकता है।