प्रदेश के नौ जिलों में रबी के सीजन में सूखा पड़ा था। इससे करीब साढ़े पांच हजार प्रभावित हैं। सूखा की अधिसूचना जारी करने के बाद केन्द्र्र की टीम भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर चुकी है। 9 जिलों के 5555 गांवों में खराबा हुआ था। गिरदावरी रिपोर्ट के मुताबिक 33 से सौ प्रतिशत खराबा झेलने वाले किसानों की संख्या करीब 19 लाख है। सरकार ने आदेश जारी कर लघु व सीमांत किसानों को 33 प्र्रतिशत से 100 प्रतिशत खराबे पर आर्थिक मदद देने का निर्णय किया है। इसी तरह अन्य किसानों को पचास प्रतिशत से अधिक खराबा होने पर आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाएगी। लघु व सीमांत किसानों के लिए करीब 508 करोड़ तथा अन्य किसानों के लिए 1175 करोड़ रुपए वितरित करने का अनुमान है।
सूखे से प्रभावित बाड़मेर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जोधपुर, पाली, बीकानेर, चूरू, जालौर व नागौर जिलों के कलक्टर को आपदा विभाग ने पत्र लिख कर प्रभावित किसानों की जानकारी 25 जनवरी तक भेजने के लिए कहा है। यह जानकारी आते ही विभाग बजट कलक्टर को स्थानांतरित करेंगे, जहां से आर्थिक मदद सीधे किसानों का खाते में भेजी जाएगी। किसानों को मदद 28 फरवरी से पहले पंहुचाने का लक्ष्य तय किया है।
प्रति हैक्टेयर मात्र 6800 रुपए आर्थिक मदद
खराबे पर किसानों को आर्थिक मदद इनपुट सब्सिडी के नाम पर दी जाती है। यह राशि उसे बीज व बुआई के खर्च के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। अ सिंचित क्षेत्र के किसानों को खराबे पर प्रति हैक्टेयर 6800 रुपए दिए जाते हैं। अधिकतम दो हैक्टेयर का ही मुआवजा दिया जाता है। सिंचित क्षेत्र में प्रति हैक्टेयर 13500 रुपए दिए जाते हैं।
खराबे पर किसानों को आर्थिक मदद इनपुट सब्सिडी के नाम पर दी जाती है। यह राशि उसे बीज व बुआई के खर्च के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। अ सिंचित क्षेत्र के किसानों को खराबे पर प्रति हैक्टेयर 6800 रुपए दिए जाते हैं। अधिकतम दो हैक्टेयर का ही मुआवजा दिया जाता है। सिंचित क्षेत्र में प्रति हैक्टेयर 13500 रुपए दिए जाते हैं।
किसानों को समय पर अनुदान मिलने की व्यवस्था की गई है। इस वर्ष रिकॉर्ड समय में अनुदान किसानों तक पहुंच जाएगा।
मास्टर भंवर लाल मेघवाल, आपदा राहत मंत्री
मास्टर भंवर लाल मेघवाल, आपदा राहत मंत्री