जानकारी का प्रचार – प्रसार करें
श्रीमती शुभ्रा सिंह ने निर्देश दिए हैं कि उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक कंजेक्टिवाइटिस से बचाव एवं रोकथाम की जानकारी का प्रचार प्रसार करें। उन्होंने कंजेक्टिवाइटिस के उपचार के लिए जरूरी सभी दवाइयां प्रत्येक चिकित्सा संस्थान में उपलब्ध करने के भी निर्देश दिए हैं।
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कंजेक्टिवाइटिस के लक्षण
निदेशक जन स्वास्थ्य डॉक्टर रवि प्रकाश माथुर ने बताया, कंजेक्टिवाइटिस मौसम में बदलाव की वजह से उत्पन्न होता है। कंजेक्टिवाइटिस एक संक्रमण होता है, यह वायरस या बैक्टीरिया से फैलता है। इसके प्रमुख लक्षणों में आंखों में लालपन, सूजन, लिड्स में सूजन और खुजली इस संक्रमण के प्रमुख लक्षण हैं। आंखों में पीलापन और पानी बहना भी इसके लक्षण में आते हैं। संक्रमण होने पर बुखार भी आ सकता है।
काले चश्मे का प्रयोग जरूरी
डॉक्टर रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि कंजेक्टिवाइटिस से ठीक होने के लिए जरूरी है कि आंखों हमेशा साफ रखें।हाथों को बार-बार धोएं। संक्रमण होने पर काले चश्मे का प्रयोग जरूरी करें। इससे संक्रमण दूसरों को नहीं फैलता है। और अधिक दिक्कत होने पर डाक्टर से सम्पर्क करें।
अन्य सदस्यों संग शेयर न करें अपने कपड़े
संयुक्त निदेशक अंधता निवारण प्रकोष्ठ के डॉक्टर सुनील सिंह ने अहम जानकारी देते हुए बताया कि कंजेक्टिवाइटिस से बचाव के लिए नियमिततौर पर हाथों को साबुन से धोएं। आंखों को पानी से साफ करें। अपने टॉवल, रुमाल, तौलिए, बेडशीट अन्य सदस्यों संग शेयर न करें।
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