राजस्थान सरकार ने कोरोनो को लेकर लिया बड़ा फैसला
अभी सिर्फ प्राइवेट हास्पिटलों में उपलब्ध होगी
सुई के बिना नाक से दी जाने वाली यह इंट्रानेजल वैक्सीन अभी सिर्फ प्राइवेट हास्पिटलों में ही उपलब्ध होगी। यह वैक्सीन सिर्फ उन लोगों को बूस्टर डोज के रूप में दी जाएगी, जो कोविशील्ड या कोवैक्सिन की दोनों डोज लगवा चुके हैं। औषधि उद्योग के प्रमुख ने कहा है कि नाक से दी जाने वाली टीके की खुराक आसान भंडारण और वितरण के लिए 2-8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखी जाएगी।
कैसे लोगों को लगेगी नेजल कोविड वैक्सीन
नेजल कोविड वैक्सीन नाक के जरिए दिया जाता है, जो नाक के अंदरुनी हिस्सों में इम्युनिटी तैयार करती है। इम्युनिटी तैयार होने के बाद यह ऐसे बिमारियों को रोकने में असरदार होती है, जो हवा के जरिए फैलता है।
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वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के सहयोग से तैयार की गई है नेजल वैक्सीन
नेजल वैक्सीन भारत बॉयोटेक ने वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के सहयोग से तैयार किया है। भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एला के अनुसार, ‘इनकोवैक’ कोविड के खिलाफ कारगर है। यह कोविड-19 के खिलाफ म्यूकोसेल इम्युनिटी प्रदान करता है। यह नेजल वैक्सीन आईजीए म्यूकोसेल इम्यूनिटी प्रदान करता है।
कैसे अलग है नेजल वैक्सीन
– नेजल वैक्सीन एक सिंगल डोज़ वैक्सीन है।
– नेजल वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट कम है।
– ये वैक्सीन कोरोना वायरस के साथ बाकी बीमारी से भी बचाएगी।
– वैक्सीन लगवाने के सिर्फ 14 दिन बाद वैक्सीनेट माना जाएगा व्यक्ति।
– नाक से डोज़ लगने के कारण व्यक्ति को नहीं होगा दर्द।