कृषि एवं पशुपालन मंत्री डॉ प्रभुलाल सैनी ने बताया कि राज्य में धौलपुर जिले से इस बीमारी के पॉजिटिव केस मिलना शुरू हुए। राज्य में अब तक 12 अश्ववंशी पशुओं को इस रोग से ग्रसित होने के कारण ऐतिहातन तौर पर उन्हें मौत दी गई है। इनमें 4 घोड़े, 7 पोनी, 1 खच्चर शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इस बीमारी के संक्रामक होने के कारण पशुओं और इंसान में फैलने की आशंका बनी रहती है। बीमारी को देखते हुए अब राज्य में दो नई रिसर्च लैब भी शुरू की जाएंगी। अभी जांच सैंपल हिसार स्थित नेशनल लेबोरेटरी में भिजवाए जा रहे हैं। मंत्री ने बताया कि ऐसी जानकारी भी सामने आई है कि कुछ अश्वपालकों अपने संक्रमित घोड़ों को दूसरे स्थान पर ले गए हैं। ऐसे में वहां के प्रशासन को इसकी सूचना दे दी गई है।
यह होता है ग्लैंडर्स
ग्लैंडर्स पशुओं में पाई जाने वाली एक बीमारी होती है। जो मनुष्यों में संक्रमण के जरिए प्रवेश कर जाती है। यह गंभीर संक्रामक व्याधि है, जिसमें सारे शरीर पर अगणित दानेदार पीबयुक्त फोड़े फुंसियाँ निकल आते हैं। इस रोग को उत्पन्न करने वाला ‘मैलिओमाइसीज़ मैलाई’ नामक एक जीवाणु होता है, जो आक्सीजन में जीवित रहने वाला होता है। इसके साथ ही यह गतिहीन, बीजांड न बनाने वाला भी होता है।
ग्लैंडर्स पशुओं में पाई जाने वाली एक बीमारी होती है। जो मनुष्यों में संक्रमण के जरिए प्रवेश कर जाती है। यह गंभीर संक्रामक व्याधि है, जिसमें सारे शरीर पर अगणित दानेदार पीबयुक्त फोड़े फुंसियाँ निकल आते हैं। इस रोग को उत्पन्न करने वाला ‘मैलिओमाइसीज़ मैलाई’ नामक एक जीवाणु होता है, जो आक्सीजन में जीवित रहने वाला होता है। इसके साथ ही यह गतिहीन, बीजांड न बनाने वाला भी होता है।