राजस्थान पत्रिका की टीम ने सांवराद गांव में घूमकर जायजा लिया। आनंदपाल के घर उसकी मां निर्मल कंवर, पत्नी राजकंवर और बेटी योगिता के साथ अन्य परिजन थे। घर में अब भी गमगीन माहौल हैं। अब परिवार शांतिपूर्वक लड़ाई लड़ रहा है। योगिता ने बताया कि पिछले दिनों जो कुछ हुआ परिस्थितयां एेसी ही थी, अब कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। हालात अब सामान्य हो गए हैं।
आनंदपाल के मामा आैर अन्य रिश्तेदारों ने बताया कि राजस्थान सरकार ने सीबीआर्इ जांच पर सहमित दी है, जिससे अब जांच में ही एनकाउंटर का सच सामने आने की बात कही गई है। परिजन भी अब न्यायालय से ही न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
सांवराद में 12 जुलार्इ को देर शाम को ही सैंकड़ों लोगों ने रेलवे टेक पर पहुंचकर ट्रैक को उखाड़ दिया था, जिसमें जीआरपी ने भी सैंकड़ों लोगों पर तोड़फोड़ का मामला दर्ज किया था। इस मामले में जीआरपी की आेर से जांच की जा रही है। इसी प्रकार की घटना के दौरान पुलिस अधीक्षक नागौर को भी मारने का प्रयास किया गया था। लेकिन वह बच निकले। इसके बाद भीड़ ने उनके गनमैन को पीट-पीटकर घायल कर दिया आैर एके 47 लेकर भाग गए। इस मामले की जांच अभी तक चल रही है।
सांवराद में होने वाली सभा से पहले ही देर रात साढे 11 बजे कुचामन बस स्टेंड पर खडी छह बसों को आग के हवाल कर दिया था, जिसमें चार बसें जल गर्इ थी। लेकिन पुलिस की जांच पहले दिन से ही गलत दिशा में चली गर्इ, जिसके बाद आराेपी हाथ नहीं लगे। हालांकि आगजनी वाले मामले में ही जांच के दौरान कुचामन थानाधिकारी सुमन को जयसिंह के बारे में गलत जानकारी मिली थी। जिसे बाद में अरेस्ट लिया गया।
आरएसी के साथ हुर्इ मारपीट व बंदूक लूटने के मामले में अरेस्ट किए गए आरोपियों से गहनता से पूछताछ की जा रही है। जिसके बाद अन्य संदिग्धों की भी जानकारी जुटाकर अरेस्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक चार को अरेस्ट किया गया है।
सुनील चारण, जांच अधिकारी
अभी तक एके 47 लूटने व गनमैन से मारपीट के मामले में जांच की जा रही है। आरोपित हाथ नहीं लगे हैं। बसें जलाने के मामले में भी पड़ताल की जा रही है।
परिस देशमुख, पुलिस अधीक्षक नागौर