इसमें उपभोक्ताओं को अधिकतम 78 हजार रुपए की सब्सिडी का प्रावधान है। साथ ही तीन सौ यूनिट तक सोलर बिजली मिल सकेगी। इससे सरकार जो बिजली कंपनियों को सब्सिडी का पैसा दे रही है, वह राशि कम हो जाएगी। ऊर्जा विभाग के अफसरों का दावा है कि सोलर और सब्सिडी को जोड़ने की इस मुहिम से उपभोक्ताओं और सरकार दोनों के लिए फायदा है।
इस तरह चलेगी ड्राइव
-हर शहर में कैम्प लगाकर लोगों को जागरुक किया जाएगा। इसमें सहायक अभियंता कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारियों की भी जिम्मेदारी तय करेंगे। साथ ही सभी अधीक्षण अभियंताओं के तकनीकी सलाहकार को सर्किल में नोडल अधिकारी बनाया गया है। -जिन लोगों ने योजना में रजिस्ट्रेशन कराया है, उनसे व्यक्तिगत संपर्क करेंगे। उन्हें संबंधित अनुबंधित कंपनी (वेंडर्स) से मिलाया जाएगा, ताकि उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं आए। -आसानी से लोन मिल सके, इसके लिए बैंकों के प्रबंधन से सरल प्रक्रिया अपनाने के लिए कहा जा रहा है। आवेदनकर्ता और बैंकों के बीच सेतु का काम भी करेंगे।
-आवदेन के बाद निर्धारित समय सीमा में डिमांड नोट जारी करना होगा। -जिन उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर लग चुके हैं, वहां तुरंत सोलर पैनल इंस्टॉल करने होंगे। यदि उपभोक्ता अपने स्तर पर स्मार्ट मीटर खरीदता है तो उसकी लैब में टेस्टिंग तीन दिन में पूरी कराकर अगले चार दिन में इंस्टाल करना होगा।
यह है स्थिति
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राजस्थान में 1.59 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं, जिसमें से 1.19 करोड़ घरेलू उपभोक्ता हैं। -सौ यूनिट तक बिजली खपत वाले 1.04 करोड़ उपभोक्ता है, जिनका बिजली बिल शुल्क शून्य आ रहा है। इनका सालाना करीब 5200 करोड़ रुपए की बिल का भुगतान सरकार वहन कर रही है।
-बाकी 15 लाख घरेलू उपभोक्ता को हर साल बिल में 1800 करोड़ रुपए छूट मिल रही है। यह छूट 562.50 रुपए तक है। इसमें 300 यूनिट से ज्यादा बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ता भी शामिल हैं, जिन्हें स्लेबवार बिल में छूट दी जा रही है।
पीएम सूर्यघर योजना से ज्यादा से ज्यादा उपाभोक्ताओं को जोड़ने के लिए कैम्प लगाएंगे। इसकी प्लानिंग लगभग पूरी हो गई है। योजना से फ्री बिजली का लाभ मिलेगा। साथ ही सोलर पैनल में सब्सिडी दी जा रही है। लोगों को दोहरा लाभ है। -भानूप्रकाश एटुरू, अध्यक्ष, डिस्कॉम्स