विवाद होने पर अंतिम निर्णय करेंगे पुराने कलेक्टर
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया, जिला कलेक्टरों के लिए विशेष ट्रेनिंग गुरुवार से शुरू हो गई है। उनके पास चुनाव प्रक्रिया का पूरा काम रहेगा। जयपुर के जेएलएन मार्ग स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी स्कूल में दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम में पुराने जिलों के कलेक्टर्स को ही आमंत्रित किया गया है। इन्हीं जिला निर्वाचन अधिकारियों के पास चुनाव के लिए नॉमिनेशन भरवाने से लेकर मतगणना और चुनाव परिणाम जारी करने तक की समस्त जिम्मेदारी होगी। किसी भी जिले में चुनाव प्रक्रिया संबंधी विवाद की स्थिति होने पर अंतिम निर्णय का अधिकार पुराने जिलों के कलेक्टर यानी जिला निर्वाचन अधिकारियों के पास ही रहेगा।
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अब एक पोलिंग बूथ पर 1425 से ज्यादा वोटर नहीं
चुनाव आयोग के अनुसार, चुनाव में अब एक पोलिंग बूथ पर 1425 से ज्यादा वोटर नहीं होंगे। इससे अधिक वोटर होने पर नया बूथ बनाया जाएगा। इससे अब पोलिंग बूथ संख्या 569 बढ़ गई है। इस नए परिवर्तन से 200 विधानसभा सीट पर अब 51,756 पोलिंग बूथ हो गए हैं। इसके साथ ही पोलिंग बूथ की दूरी भी 2 किमी से कम की गई है। जिससे मतदाता को वोट डालने अधिक दूर न जाना पड़े।
प्रतापगढ़ में सबसे कम पोलिंग बूथ
पोलिंग बूथों की कुल संख्या की बात करें तो 33 जिलों में से सबसे कम पोलिंग बूथ प्रतापगढ़ जिले में हैं। जहां पर केवल 2 ही विधानसभा सीट धरियावद और प्रतापगढ़ हैं। यहां 560 पोलिंग बूथ हैं। दूसरी तरफ पुराने जयपुर जिले में 19 विधानसभा सीटों पर कुल 4589 पोलिंग बूथ स्थापित किए जाएंगे।
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